ललितपुर। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों की तैनाती में सामने आई
विसंगति को दूर करने के लिए जल्द ही आनलाइन समायोजन की प्रक्रिया अपनाई
जाएगी।
इसके अंतर्गत विद्यालयों से सरप्लस अध्यापकों को हटाते हुए उन्हें उसी ब्लाक के निकट के स्थान पर तैनात किया जाएगा। इस दायरे में जिले के करीब तीन सौ पचासी शिक्षक आ रहे हैं।
बीते वर्षों में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया किन्हीं कारणों से अपनाई नहीं जा सकी है, इसके फलस्वरूप तमाम विद्यालयों में सरप्लस अध्यापक हो गए हैं तो कहीं अध्यापकों की कमी बनी हुई है, जिससे बेसिक स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो पा रही है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में शासन ने स्थानांतरण से पहले शिक्षकों के समायोजन करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशानुसार अध्यापकों के पदों का निर्धारण किया जाएगा, जिसका आधार तीस अप्रैल 2017 की छात्र संख्या बनाया जा रहा है। जब विद्यालयों में अध्यापकों के पदों का निर्धारण कर लिया जाएगा, उसके उपरांत शिक्षकों के समायोजन की कार्रवाई प्रारंभ होगी। इस प्रक्रिया में लास्ट इन फर्स्ट आउट के सिद्घांत पर विद्यालय के सबसे कनिष्ठतम अध्यापक को हटाकर उसे उसी विकासखंड के निकटस्थ विद्यालय में पदस्थापित किया जाएगा। वहीं, विकलांग, असाध्य/गंभीर बीमारी से ग्रसित, महिला शिक्षकों को समायोजन प्रक्रिया के दौरान सुविधानुसार उसी विकासखंड में तैनाती दी जाएगी, जिस विद्यालय से सरप्लस अध्यापक का समायोजन किया जाएगा, उस स्कूल में किसी अध्यापक को तैनात नहीं किया जाएगा। समायोजन की संपूर्ण प्रक्रिया पंद्रह जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने बीएसए को लिखे पत्र में कहा कि जनपद के अंदर स्थानांतरण/समायोजन के लिए सैलरी डाटा में सरप्लस अध्यापकों के चिह्नांकन, जोन का चिह्नांकन, पैन नंबर/आधार नंबर भरते हुए एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करें।
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पद सृजन का नहीं आया पत्र
परिषदीय विद्यालयों में तीस अप्रैल 2017 की छात्र संख्या के आधार पर पद का सृजन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद से स्वीकृत शिक्षकों के पदों की संख्या का ब्योरा बीएसए कार्यालय को प्राप्त नहीं हो सका है। जिससे विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों की वास्तविक संख्या नहीं निकल पा रही है जो वर्तमान में सरप्लस शिक्षकों की निकलकर आई है, उसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में समायोजन की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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अध्यापकों की तैयार हो रही डिजिटल पहचान
परिषदीय शिक्षकों की डिजिटल आइडेंटिटी बनाने की कार्रवाई चल रही है। इसके तहत परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन को आधार से लिंक किया जा रहा है। इस कार्रवाई को 31 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
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तीस बच्चों पर रहेगा एक अध्यापक
समायोजन की प्रक्रिया के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में तीस बच्चों पर एक अध्यापक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में पैतीस बच्चों पर एक अध्यापक की तैनाती को ध्यान में रखा जाएगा। पूरी प्रक्रिया आनलाइन अपनाई जाएगी। इस दौरान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का समायोजन किया जाएगा।
संतोष कुमार राय
बीएसए ललितपुर।
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इसके अंतर्गत विद्यालयों से सरप्लस अध्यापकों को हटाते हुए उन्हें उसी ब्लाक के निकट के स्थान पर तैनात किया जाएगा। इस दायरे में जिले के करीब तीन सौ पचासी शिक्षक आ रहे हैं।
बीते वर्षों में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया किन्हीं कारणों से अपनाई नहीं जा सकी है, इसके फलस्वरूप तमाम विद्यालयों में सरप्लस अध्यापक हो गए हैं तो कहीं अध्यापकों की कमी बनी हुई है, जिससे बेसिक स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो पा रही है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में शासन ने स्थानांतरण से पहले शिक्षकों के समायोजन करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशानुसार अध्यापकों के पदों का निर्धारण किया जाएगा, जिसका आधार तीस अप्रैल 2017 की छात्र संख्या बनाया जा रहा है। जब विद्यालयों में अध्यापकों के पदों का निर्धारण कर लिया जाएगा, उसके उपरांत शिक्षकों के समायोजन की कार्रवाई प्रारंभ होगी। इस प्रक्रिया में लास्ट इन फर्स्ट आउट के सिद्घांत पर विद्यालय के सबसे कनिष्ठतम अध्यापक को हटाकर उसे उसी विकासखंड के निकटस्थ विद्यालय में पदस्थापित किया जाएगा। वहीं, विकलांग, असाध्य/गंभीर बीमारी से ग्रसित, महिला शिक्षकों को समायोजन प्रक्रिया के दौरान सुविधानुसार उसी विकासखंड में तैनाती दी जाएगी, जिस विद्यालय से सरप्लस अध्यापक का समायोजन किया जाएगा, उस स्कूल में किसी अध्यापक को तैनात नहीं किया जाएगा। समायोजन की संपूर्ण प्रक्रिया पंद्रह जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने बीएसए को लिखे पत्र में कहा कि जनपद के अंदर स्थानांतरण/समायोजन के लिए सैलरी डाटा में सरप्लस अध्यापकों के चिह्नांकन, जोन का चिह्नांकन, पैन नंबर/आधार नंबर भरते हुए एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करें।
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पद सृजन का नहीं आया पत्र
परिषदीय विद्यालयों में तीस अप्रैल 2017 की छात्र संख्या के आधार पर पद का सृजन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद से स्वीकृत शिक्षकों के पदों की संख्या का ब्योरा बीएसए कार्यालय को प्राप्त नहीं हो सका है। जिससे विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों की वास्तविक संख्या नहीं निकल पा रही है जो वर्तमान में सरप्लस शिक्षकों की निकलकर आई है, उसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में समायोजन की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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अध्यापकों की तैयार हो रही डिजिटल पहचान
परिषदीय शिक्षकों की डिजिटल आइडेंटिटी बनाने की कार्रवाई चल रही है। इसके तहत परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन को आधार से लिंक किया जा रहा है। इस कार्रवाई को 31 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
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तीस बच्चों पर रहेगा एक अध्यापक
समायोजन की प्रक्रिया के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में तीस बच्चों पर एक अध्यापक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में पैतीस बच्चों पर एक अध्यापक की तैनाती को ध्यान में रखा जाएगा। पूरी प्रक्रिया आनलाइन अपनाई जाएगी। इस दौरान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का समायोजन किया जाएगा।
संतोष कुमार राय
बीएसए ललितपुर।
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