बेसिक के पूरे तंत्र में फर्जीवाडा , सरकार को बदनाम करने की कोशिश न करें : गणेश दीक्षित

साथियों , देखने में आ रहा है की आजकल कई शिक्षक केवल सरकार को कोसते नज़र आ रहे हैं इनमें से ज्यादातर पिछली सरकारों की मानसिकता को लिये हुये हैं जिससे इनका स्वार्थ सर चढ़कर बोल रहा है ।
हर जिले में लगभग 50-60 लोग ही छाँटने पर मिलेंगे जो पूरे बेसिक को बदनाम करने में लगे हैं और ये लोग bsa/absa के मुँह लगे होते हैं और कोई शासन हो ये पाला बदलकर वहीँ जमे रहते हैं और इनका मुख्य काम है जुगाड़ बनाना बस ।
अब जब नयी सरकार बेसिक को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है तब ऐसे लोगों को बुरा लग रहा है क्योंकि ये लोग खुद तो शहर के पास पोस्टिंग करवाकर नेतागिरी झाड़ते हैं ,पढ़ाने से इनका कोई वास्ता रहा नहीँ ।इसीलिये ये सोशियल मीडिया पर सरकार को बदनाम करने में लगे हुये हैं ।
50 विद्यार्थी पर कहीँ 16 अध्यापक हैं तो कहीँ एक । बेसिक के पूरे तंत्र में फर्जीवाडा घुसा है , अध्यापकों ने ही बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों का फर्जी नामांकन किया हुआ है और सरकार को कोसते हैं क्योंकि ये सरकार बेसिक में फैले भ्रष्टाचार और भेदभाव को ख़त्म करने में लगी हुई है ।
जुगाड़ वाले अध्यापकों ने मनचाहे स्कूलों में पोस्टिंग ले ली फ़िर जिंदगीभर शिक्षणकार्य से नाता नहीँ ।
सभी पुराने जमे लोगों के स्थानांतरण किये ही जाने चाहिये और वो भी बिना भेदभाव के ,जिससे बेसिक के भ्रष्टाचार और भेदभाव पर नकेल लगे ।
हम सरकार के समायोजन/स्थानांतरण नीति का समर्थन करते हैं और नेता शिक्षकों से अनुरोध करते हैं की वो शिक्षणकार्य करें ,न की राजनीति । और सरकार को बदनाम करने की कोशिश न करें ।
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