लखनऊ. आंदोलन करने वाले शिक्षामित्रों को पूरा मानदेय नहीं मिलेगा। शिक्षा निदेशालय से आदेश जारी हुआ है कि आंदोलन के चलते परिषदीय स्कूल से नदारद चल रहे शिक्षामित्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट भेजी जाए।
ऐसे में प्रदेश के सभी बीएसए ने अपने-अपने जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को शिक्षामित्रों की रिपोर्ट देने का कहा है। इसे शिक्षा मित्रों के आंदोलन को कुचलने के नजरिए से भी देखा जा रहा है। वहीं दिल्ली में शिक्षा मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षा मित्र दोबारा से यूपी घेरने के मूड में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के सभी बीएसए शासन को शिक्षा मित्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट भेजेंगे। उन्होंने विद्यालयों में शिक्षामित्र की उपस्थिति और पठन पाठन की स्थिति निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में आंदोलन करने वाले शिक्षा मित्रों को पूरा मानदेय नहीं मिल पाएगा। शिक्षा मित्रों के प्रतिनिधियों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात हो चुकी है। बातचीत में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक राज्य सरकार वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं देगी, तब तक केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती।
यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के उपाध्यक्ष श्यामलाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बातचीत के बाद हम दोबारा यूपी जाएंगे और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार ने शिक्षा मित्रों का आंदोलन कमजोर करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। बातचीत में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक राज्य सरकार वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं देगी, तब तक केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती। जैसे ही राज्य सरकार कोई उचित कदम उठाती है, केंद्र सरकार उस पर तुरंत विचार कर उचित कार्रवाई करेगी। इसलिए हम दोबारा यूपी आकर प्रदेश सरकार को घेरेंगे।
पीएम मोदी की रैली नहीं होने देंगे
वहीं शिक्षा मित्रों के संघ के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो बनारस में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को नहीं होने दिया जाएगा। अबकी पर बनारस को घेरने की पूरी प्लानिंग है जो मिनी पीएमओ माना जाता है। बीते कई दिनों से राजधानी दिल्ली में धरना दे रहे शिक्षा मित्रों ने बताया कि हमारा विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हो गया। शिक्षा मित्रों ने दिल्ली पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे प्रदर्शन में किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया।
बता दें कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को सिरे से गैरकानूनी ठहराया चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। जिसके बाद से शिक्षा मित्र सरकार से समान काम, समान सैलरी का मांग कर रहे हैं। शिक्षा मित्रों का मांग है कि उन्हें टीईटी से छूट देते हुए दोबारा समायोजित किया जाए। शिक्षा मित्रों की मांग है कि सरकार कानून में संशोधन करे और उन्हें समायोजित करे।
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ऐसे में प्रदेश के सभी बीएसए ने अपने-अपने जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को शिक्षामित्रों की रिपोर्ट देने का कहा है। इसे शिक्षा मित्रों के आंदोलन को कुचलने के नजरिए से भी देखा जा रहा है। वहीं दिल्ली में शिक्षा मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षा मित्र दोबारा से यूपी घेरने के मूड में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के सभी बीएसए शासन को शिक्षा मित्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट भेजेंगे। उन्होंने विद्यालयों में शिक्षामित्र की उपस्थिति और पठन पाठन की स्थिति निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में आंदोलन करने वाले शिक्षा मित्रों को पूरा मानदेय नहीं मिल पाएगा। शिक्षा मित्रों के प्रतिनिधियों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात हो चुकी है। बातचीत में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक राज्य सरकार वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं देगी, तब तक केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती।
यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के उपाध्यक्ष श्यामलाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बातचीत के बाद हम दोबारा यूपी जाएंगे और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार ने शिक्षा मित्रों का आंदोलन कमजोर करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। बातचीत में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक राज्य सरकार वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं देगी, तब तक केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती। जैसे ही राज्य सरकार कोई उचित कदम उठाती है, केंद्र सरकार उस पर तुरंत विचार कर उचित कार्रवाई करेगी। इसलिए हम दोबारा यूपी आकर प्रदेश सरकार को घेरेंगे।
पीएम मोदी की रैली नहीं होने देंगे
वहीं शिक्षा मित्रों के संघ के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो बनारस में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को नहीं होने दिया जाएगा। अबकी पर बनारस को घेरने की पूरी प्लानिंग है जो मिनी पीएमओ माना जाता है। बीते कई दिनों से राजधानी दिल्ली में धरना दे रहे शिक्षा मित्रों ने बताया कि हमारा विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हो गया। शिक्षा मित्रों ने दिल्ली पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे प्रदर्शन में किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया।
बता दें कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को सिरे से गैरकानूनी ठहराया चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। जिसके बाद से शिक्षा मित्र सरकार से समान काम, समान सैलरी का मांग कर रहे हैं। शिक्षा मित्रों का मांग है कि उन्हें टीईटी से छूट देते हुए दोबारा समायोजित किया जाए। शिक्षा मित्रों की मांग है कि सरकार कानून में संशोधन करे और उन्हें समायोजित करे।
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