इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2017 को सकुशल कराना शिक्षा महकमे के लिए इस बार बड़ी चुनौती है। इसमें पंजीकरण के समय ही खेल करने का आरोप है और अब परीक्षा उत्तीर्ण कराने के
लिए जिलों में रैकेट सक्रिय हो गए हैं, जो अभ्यर्थियों से संपर्क करके मुंहमांगी वसूली कर रहे हैं।
ऐसे में जिलों में अच्छी साख वाले स्कूलों के परीक्षा केंद्र बनाने की बड़ी चुनौती है। 1शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना बीएड व बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए काफी मुश्किल कार्य रहा है, क्योंकि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग होने वाली इस परीक्षा के प्रश्नपत्र की गुणवत्ता पिछले वर्षो में गिरने नहीं पाई। साथ ही डायट व निजी कालेजों में पढ़ाई के नाम पर खानापूरी होने से प्रशिक्षु इसकी सही से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए साल-दर-साल परीक्षा परिणाम गिर रहा है। पिछले वर्ष 89 फीसद अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हो गए थे। शीर्ष कोर्ट ने बीते 25 जुलाई की सुनवाई में यह स्पष्ट कर दिया है कि टीईटी केवल पात्रता परीक्षा है इसकी मेरिट के आधार पर चयन नहीं होगा। ऐसे में यह परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने भर से शिक्षक बनने के रास्ते खुलेंगे। साथ ही जिन शिक्षामित्रों का समायोजन रद हुआ है उन्हें भी दो मौके दिए गए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को भारांक भी दे रही है। 1 यही नहीं प्रदेश सरकार ने दिसंबर में नई भर्ती का विज्ञापन जारी करने का वादा किया है। इसके बाद से हर कोई टीईटी उत्तीर्ण करने को बेताब है। इसके लिए हर दांव आजमाया जा रहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को अब तक कई शिकायती पत्र मिल चुके हैं। इसमें जिलों में रैकेट सक्रिय होने और पंजीकरण के नाम पर खेल होने की शिकायतें की गई हैं। परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का वादा करने वाले इसके एवज में मुंहमांगी रकम मांग रहे हैं। यही नहीं इस बार परीक्षा की तैयारी डायट व ब्लाक संसाधन केंद्रों पर भी कराई जा रही है। कुछ अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भी परीक्षा पास कराने का प्रलोभन दे रहे हैं। टीईटी 2017 में अब तक दस लाख से अधिक आवेदन हो चुके हैं। इतने अभ्यर्थियों की सकुशल परीक्षा कराना परीक्षा नियामक प्राधिकारी के लिए बड़ी चुनौती है। वैसे यह कहा जा रहा है कि परीक्षा में नकल न होने पाये इसलिए अच्छे विद्यालय ही केंद्र बनेंगे। शिकायतों पर भी महकमा गंभीर है। 1तारीख बढ़ाना शासन की जिम्मेदारी : टीईटी 2017 परीक्षा में पंजीकरण कराने के बाद तय समय पर शुल्क न जमा कर पाने वाले अभ्यर्थियों ने गुरुवार को भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से मिलकर शुल्क व आवेदन करने की मियाद बढ़ाने की मांग की। अभ्यर्थियों से कहा गया कि यह शासन तय करेगा।
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लिए जिलों में रैकेट सक्रिय हो गए हैं, जो अभ्यर्थियों से संपर्क करके मुंहमांगी वसूली कर रहे हैं।
ऐसे में जिलों में अच्छी साख वाले स्कूलों के परीक्षा केंद्र बनाने की बड़ी चुनौती है। 1शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना बीएड व बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए काफी मुश्किल कार्य रहा है, क्योंकि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग होने वाली इस परीक्षा के प्रश्नपत्र की गुणवत्ता पिछले वर्षो में गिरने नहीं पाई। साथ ही डायट व निजी कालेजों में पढ़ाई के नाम पर खानापूरी होने से प्रशिक्षु इसकी सही से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए साल-दर-साल परीक्षा परिणाम गिर रहा है। पिछले वर्ष 89 फीसद अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हो गए थे। शीर्ष कोर्ट ने बीते 25 जुलाई की सुनवाई में यह स्पष्ट कर दिया है कि टीईटी केवल पात्रता परीक्षा है इसकी मेरिट के आधार पर चयन नहीं होगा। ऐसे में यह परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने भर से शिक्षक बनने के रास्ते खुलेंगे। साथ ही जिन शिक्षामित्रों का समायोजन रद हुआ है उन्हें भी दो मौके दिए गए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को भारांक भी दे रही है। 1 यही नहीं प्रदेश सरकार ने दिसंबर में नई भर्ती का विज्ञापन जारी करने का वादा किया है। इसके बाद से हर कोई टीईटी उत्तीर्ण करने को बेताब है। इसके लिए हर दांव आजमाया जा रहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को अब तक कई शिकायती पत्र मिल चुके हैं। इसमें जिलों में रैकेट सक्रिय होने और पंजीकरण के नाम पर खेल होने की शिकायतें की गई हैं। परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का वादा करने वाले इसके एवज में मुंहमांगी रकम मांग रहे हैं। यही नहीं इस बार परीक्षा की तैयारी डायट व ब्लाक संसाधन केंद्रों पर भी कराई जा रही है। कुछ अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भी परीक्षा पास कराने का प्रलोभन दे रहे हैं। टीईटी 2017 में अब तक दस लाख से अधिक आवेदन हो चुके हैं। इतने अभ्यर्थियों की सकुशल परीक्षा कराना परीक्षा नियामक प्राधिकारी के लिए बड़ी चुनौती है। वैसे यह कहा जा रहा है कि परीक्षा में नकल न होने पाये इसलिए अच्छे विद्यालय ही केंद्र बनेंगे। शिकायतों पर भी महकमा गंभीर है। 1तारीख बढ़ाना शासन की जिम्मेदारी : टीईटी 2017 परीक्षा में पंजीकरण कराने के बाद तय समय पर शुल्क न जमा कर पाने वाले अभ्यर्थियों ने गुरुवार को भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से मिलकर शुल्क व आवेदन करने की मियाद बढ़ाने की मांग की। अभ्यर्थियों से कहा गया कि यह शासन तय करेगा।
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