शिक्षामित्र नहीं मना रहे दीपावली, भाजपा को वोट भी नहीं देंगे

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्रों ने योगी आदित्यनाथ सरकार को संकट में डाल दिया। सरकार की नीतियों से नाराज शिक्षामित्रों का कहना है कि वे और उनका परिवार दीपावली नहीं मनाएंगे।
यहीं नहीं शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी है कि निकाय चुनाव में उनके परिवार वाले भाजपा सरकार को वोट भी नहीं देंगें। इससे योगी सरकार संकट में पड़ गई है। शिक्षामित्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया तो वे उग्र विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बार उन्होंने दिवाली नहीं मनाने का फैसला किया है। मामले में आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही का कहना है कि एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि कोई शिक्षामित्र दिवाली नहीं मनाएगा क्योंकि वे अवसाद में जीने को मजबूर हैं। पदाधिकारियों के कहना है कि सरकार नहीं चेती तो उसे निकाय चुनाव में मजा चखाएंगे और भाजपा को वोट भी नहीं देंगे।
जितेंद्र शाही का कहना है कि 15 अक्तूबर को हुई टीईटी की परीक्षा में सरकार ने अपनी मंशा को साफ जाहिर कर दी। सरकार ने पूरी कोशिश की है कि शिक्षामित्र टीईटी पास न कर सकें। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में शिक्षामित्रों को 12 माह का मानदेय 15000 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। वहीं दिल्ली में 35000, हरियाणा में 30000, राजस्थान में 32000, महाराष्ट्र में 40000 रुपये और बिहार में शिक्षामित्रों को 12 माह का मानदेय 22000 रुपये दिया जा रहा है। यूपी सरकार मात्र 10000 रुपये मानदेय सिर्फ 11 माह दे रही है। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि राज्य व केंद्र सरकार ने अपना संकल्पपत्र तक नहीं लागू नहीं किया, जिससे साबित हो गया कि ये लोगों से केवल वोट के लिए ही झूठ बोलते हैं।
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प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात विशेष शिक्षकों के लिए बजट जारी होने के बावजूद उन्हें सितम्बर मिला। जबकि दिवाली से रविवार तक अवकाश है। ऐसे में इन शिक्षकों को दिवाली से पहले मानदेय मिलने की उम्मीद नहीं है। बता दें, परिषदीय विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए लगभग 2000 विशेष शिक्षक तैनात किये गए हैं। इन्हें हर महीने 13200 रूपए मानदेय दिया जाता है। इन्हें अभी तक सितम्बर माह का मानदेय नहीं मिला है। विशेष शिक्षा शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज सिंह ने बताया कि डेढ़ हफ्ते पहले अपर परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा से जल्द मानदेय जारी करने की मांग की गई थी। इस हफ्ते सभी जिलों में बजट जारी हो गया है, लेकिन विभाग की तरफ से कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। नतीजतन शिक्षकों को कोई मानदेय नहीं मिल पाया है।
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