लखनऊ : प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को बोनस दिलाने की की है। कर्मचारियों का कहना है कि बुधवार को पर्व से पहले के आखिरी कार्यदिवस पर यदि उन्हें बोनस न मिला तो इस घोषणा के प्रति उत्साह का भी कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को पिछले दिनों दीपावली का बोनस देने की घोषणा की थी। इससे कर्मचारियों में हर्ष था लेकिन, मंगलवार को धनतेरस तक उनके बैंक खातों में बोनस की रकम न आने से कर्मचारियों में मायूसी थी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री से बुधवार तक कर्मचारियों को बोनस देने की की है। परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बोनस का 75 फीसद हिस्सा कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में हस्तांतरित किए जाने के राज्य सरकार के निर्णय पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बोनस के तौर पर अधिकतम करीब छह हजार रुपये तक ही दिए जाने हैं। 1ऐसे में यदि 75 फीसद रकम उनके जीपीएफ खाते में चली गई तो पर्व पर उनके हाथ में अधिकतम डेढ़ हजार रु पये ही आएंगे, जिससे कुछ खास कर पाना संभव नहीं होगा। परिषद ने बोनस की पूरी रकम नगद दिए जाने की की है। 1 परिषद ने बोनस की घोषणा देर से किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि इससे लखनऊ में निदेशालयों तक तो शायद बोनस मिल भी जाए लेकिन, जिलों तक सभी कर्मचारियों में बंट पाना मुश्किल होगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार यदि सभी कर्मचारियों को पर्व बोनस देना चाहती तो उसे यह घोषणा दो हफ्ते पहले करनी चाहिए थी। जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय ने दुग्ध विकास निगम सहित कई निगमों में वेतन और बोनस और दोनों न मिलने पर चिंता जताई है।
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राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को पिछले दिनों दीपावली का बोनस देने की घोषणा की थी। इससे कर्मचारियों में हर्ष था लेकिन, मंगलवार को धनतेरस तक उनके बैंक खातों में बोनस की रकम न आने से कर्मचारियों में मायूसी थी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री से बुधवार तक कर्मचारियों को बोनस देने की की है। परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बोनस का 75 फीसद हिस्सा कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में हस्तांतरित किए जाने के राज्य सरकार के निर्णय पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बोनस के तौर पर अधिकतम करीब छह हजार रुपये तक ही दिए जाने हैं। 1ऐसे में यदि 75 फीसद रकम उनके जीपीएफ खाते में चली गई तो पर्व पर उनके हाथ में अधिकतम डेढ़ हजार रु पये ही आएंगे, जिससे कुछ खास कर पाना संभव नहीं होगा। परिषद ने बोनस की पूरी रकम नगद दिए जाने की की है। 1 परिषद ने बोनस की घोषणा देर से किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि इससे लखनऊ में निदेशालयों तक तो शायद बोनस मिल भी जाए लेकिन, जिलों तक सभी कर्मचारियों में बंट पाना मुश्किल होगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार यदि सभी कर्मचारियों को पर्व बोनस देना चाहती तो उसे यह घोषणा दो हफ्ते पहले करनी चाहिए थी। जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय ने दुग्ध विकास निगम सहित कई निगमों में वेतन और बोनस और दोनों न मिलने पर चिंता जताई है।
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