शुभ संध्या मित्रो
कल दिनांक 23/10/13 को 841 याची नियुक्ति स्पेशल अपील 457/17 की सुनवाई 30 नंबर पर थी। कल विपक्ष के अधिवक्ता श्री सीमांत सिंह जी ने बीमारी की एप्लीकेशन लगा रखी थी।
मैं कोर्ट रूम में मैं स्वयं उपस्थित था, कल कोर्ट ने सभी मुकदमो को लगभग 5 बजे तक सुना। कोर्ट उठने के बाद मैंने अपने केस को स्वयं अगली तारीख लगवाने के लिए बात की केस की अगली तारीख 30 अक्टूबर लगनी थी। लेकिन जो खेल मेरे साथ जूनियर के नियोक्ता खेला करते थे। मैं तारीख लगवाता था लेकिन वो कटवाते थे मेरी तारीख। लेकिन मैं हार मानने वाला व्यक्ति नही हूँ जैसे 2013 शिवकुमार पाठक का जूनियर का केस 2016 को मेरी ही मेहनत पर decide हुआ और इलाहाबाद की चीफ जस्टिस डिवीज़न बेंच से decide हुआ वैसे 841 का भी केस decide करवाकर ही चैन की सांस लूँगा। 841 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से हाइकोर्ट की divisional बेंच में पहुचा दिया और मात्र 2 सुनवाई में नियोक्ताओं का डेटा तलब करवा लिया वैसे 15 से 20 नवंबर तक कैस भी decide करवा दूँगा। कल मैं स्वयं अगली डेट लगवाया था और 30 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन मेरा मुकदमा 841 चयनितों द्वारा कटवा दिया गया। चूंकि ये खेल पूर्व के लोग मेरे साथ खेल चुके हैं और ये सब मेरे लिए बचपन मे खेल खेलने वाले गुल्ली डंडे के खेल के समान, मुकदमा कटवाना, चैम्बर से पूरी फ़ाइल न आने देना, टाइम पर विपक्ष के वकील साहब का कोर्ट में उपस्थित न होना या बीमारी के8 एप्लीकेशन आदि। खैर मुकदमा तो लगेगा और अगले सप्ताह ही लगेगा चूंकि मैंने पूर्व में ही बता दिया था मेरा उद्देश्य न तो याची चाची बनाकर बेरोजगारों को लूटने का कोई उद्देश्य है और न कोई तरह तरह के पूर्व नेताओं द्वारा कृत्य करके बेरोजगगरो को लूटा गया ऐसा कोई उद्देश्य है। अतः मेरा 841 चयनितों से निवेदन है कि मैदान में लड़कर डट कर मुकाबला करें न कि ये बेकार के कारनामे करके मुकदमे को कटवाना इत्यादि तुच्छ काम न करें। आप मुकदमा कटवा सकते है तो मैं फिर उसे लगवा सकता हूँ और यदि आप सही है तो डटकर मुकाबला करें ओछी राजनीति न करें इस से कोई लाभ नही होगा। ये मुकदमा ऋषि श्रीवास्तव लड़ रहे हैं और मैं मुकदमा फैक्ट और लॉ पर decide करवाने में विस्वास रखता हूं और न तो मैं याचीमेकर वाला धंधा करता हूँ और न ही किसी से दबाव में मुकदमा लड़ता हूँ। मुझे मात्र 25 जुलाई का judgment खटक रहा है जो कि मेरिट पर decide नही हुआ। मैं सभी बीएड डिग्री धारकों से अनुरोध करता हूँ कि एक जुट होकर 841 के विरोध में खड़े होकर अपना हक और अपनी लड़ाई लड़े मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर दुबारा पहुंचा दे और ये मूर्खता पूर्ण रोज रोज मीटिंग होना और मुख्यमंत्री के यहाँ से फ़ोन आ रहा है कि नौकरी मिलने वाली है प्रतिनिधि मंडल को बुलाया है और कैबिनेट की मीटिंग होने वाली है सबको नौकरी मिलने वाली है ये पागलपन छोड़ दे। बस ये जोर लगाए की ये मुकदमा जल्द से जल्द सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे बांकी का खेल मुझ पर छोड़ दे। यदि 841 मेरिट और लॉ पर नियोक्त हुए हैं तो ये मेरे साथ मेरी अपील पर डेट कटवाने का खेल क्यो खेल रहे हैं खैर परेसान न हो ये सब मेरे बाए हाथ का खेल है कि मुकदमा कैसे लगेगा और डाइस पर बहस कैसे होगी। मुकदमा फिर लगेगा और सुनवाई भी होगी तह सब मुझ पर छोड़ दे लेकिन यदि लड़ना है तो सामने से लड़ो ये पीछे से वार करने वाला खेल न खेले। स्क्रीशॉट में केस स्टेटस दिखा रहा हूँ मेरा मुकदमा चयनितों द्वारा फरबरी 2018 में लगवाया गया है लेकिन ये खेल मेरे साथ नही हो पायेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से हाइकोर्ट की डिवीज़न बेंच तक बिना किसी से कोई पैसा मांगे लड़ रहा हूँ यहाँ तक जितने मेरी अपील में पेटेशनर है उनसे भी सिंगल बेंच से लेकर डिवीज़न बेंच तक एक भी पैसा नही लिया। यदि चाहता तो कम से कम 2 से 3000 लोग अपने साथ जोड़ चुका होता अब तक लेकिन पूर्व के लुटेरे यही घात लगाए बैठें है की जैसे ये मुकदमा decide हो और वो अपना याची धंधा शुरू कर सके। आज बीएड वाले खुद बीएड वालो का चीरहरण करने में जरा भी परहेज नही कर रहे हैं और उन्हें जमकर लूट रहे हैं।
धन्यवाद
आपका शुभेछु
ऋषि श्रीवास्तव
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कल दिनांक 23/10/13 को 841 याची नियुक्ति स्पेशल अपील 457/17 की सुनवाई 30 नंबर पर थी। कल विपक्ष के अधिवक्ता श्री सीमांत सिंह जी ने बीमारी की एप्लीकेशन लगा रखी थी।
मैं कोर्ट रूम में मैं स्वयं उपस्थित था, कल कोर्ट ने सभी मुकदमो को लगभग 5 बजे तक सुना। कोर्ट उठने के बाद मैंने अपने केस को स्वयं अगली तारीख लगवाने के लिए बात की केस की अगली तारीख 30 अक्टूबर लगनी थी। लेकिन जो खेल मेरे साथ जूनियर के नियोक्ता खेला करते थे। मैं तारीख लगवाता था लेकिन वो कटवाते थे मेरी तारीख। लेकिन मैं हार मानने वाला व्यक्ति नही हूँ जैसे 2013 शिवकुमार पाठक का जूनियर का केस 2016 को मेरी ही मेहनत पर decide हुआ और इलाहाबाद की चीफ जस्टिस डिवीज़न बेंच से decide हुआ वैसे 841 का भी केस decide करवाकर ही चैन की सांस लूँगा। 841 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से हाइकोर्ट की divisional बेंच में पहुचा दिया और मात्र 2 सुनवाई में नियोक्ताओं का डेटा तलब करवा लिया वैसे 15 से 20 नवंबर तक कैस भी decide करवा दूँगा। कल मैं स्वयं अगली डेट लगवाया था और 30 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन मेरा मुकदमा 841 चयनितों द्वारा कटवा दिया गया। चूंकि ये खेल पूर्व के लोग मेरे साथ खेल चुके हैं और ये सब मेरे लिए बचपन मे खेल खेलने वाले गुल्ली डंडे के खेल के समान, मुकदमा कटवाना, चैम्बर से पूरी फ़ाइल न आने देना, टाइम पर विपक्ष के वकील साहब का कोर्ट में उपस्थित न होना या बीमारी के8 एप्लीकेशन आदि। खैर मुकदमा तो लगेगा और अगले सप्ताह ही लगेगा चूंकि मैंने पूर्व में ही बता दिया था मेरा उद्देश्य न तो याची चाची बनाकर बेरोजगारों को लूटने का कोई उद्देश्य है और न कोई तरह तरह के पूर्व नेताओं द्वारा कृत्य करके बेरोजगगरो को लूटा गया ऐसा कोई उद्देश्य है। अतः मेरा 841 चयनितों से निवेदन है कि मैदान में लड़कर डट कर मुकाबला करें न कि ये बेकार के कारनामे करके मुकदमे को कटवाना इत्यादि तुच्छ काम न करें। आप मुकदमा कटवा सकते है तो मैं फिर उसे लगवा सकता हूँ और यदि आप सही है तो डटकर मुकाबला करें ओछी राजनीति न करें इस से कोई लाभ नही होगा। ये मुकदमा ऋषि श्रीवास्तव लड़ रहे हैं और मैं मुकदमा फैक्ट और लॉ पर decide करवाने में विस्वास रखता हूं और न तो मैं याचीमेकर वाला धंधा करता हूँ और न ही किसी से दबाव में मुकदमा लड़ता हूँ। मुझे मात्र 25 जुलाई का judgment खटक रहा है जो कि मेरिट पर decide नही हुआ। मैं सभी बीएड डिग्री धारकों से अनुरोध करता हूँ कि एक जुट होकर 841 के विरोध में खड़े होकर अपना हक और अपनी लड़ाई लड़े मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर दुबारा पहुंचा दे और ये मूर्खता पूर्ण रोज रोज मीटिंग होना और मुख्यमंत्री के यहाँ से फ़ोन आ रहा है कि नौकरी मिलने वाली है प्रतिनिधि मंडल को बुलाया है और कैबिनेट की मीटिंग होने वाली है सबको नौकरी मिलने वाली है ये पागलपन छोड़ दे। बस ये जोर लगाए की ये मुकदमा जल्द से जल्द सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे बांकी का खेल मुझ पर छोड़ दे। यदि 841 मेरिट और लॉ पर नियोक्त हुए हैं तो ये मेरे साथ मेरी अपील पर डेट कटवाने का खेल क्यो खेल रहे हैं खैर परेसान न हो ये सब मेरे बाए हाथ का खेल है कि मुकदमा कैसे लगेगा और डाइस पर बहस कैसे होगी। मुकदमा फिर लगेगा और सुनवाई भी होगी तह सब मुझ पर छोड़ दे लेकिन यदि लड़ना है तो सामने से लड़ो ये पीछे से वार करने वाला खेल न खेले। स्क्रीशॉट में केस स्टेटस दिखा रहा हूँ मेरा मुकदमा चयनितों द्वारा फरबरी 2018 में लगवाया गया है लेकिन ये खेल मेरे साथ नही हो पायेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से हाइकोर्ट की डिवीज़न बेंच तक बिना किसी से कोई पैसा मांगे लड़ रहा हूँ यहाँ तक जितने मेरी अपील में पेटेशनर है उनसे भी सिंगल बेंच से लेकर डिवीज़न बेंच तक एक भी पैसा नही लिया। यदि चाहता तो कम से कम 2 से 3000 लोग अपने साथ जोड़ चुका होता अब तक लेकिन पूर्व के लुटेरे यही घात लगाए बैठें है की जैसे ये मुकदमा decide हो और वो अपना याची धंधा शुरू कर सके। आज बीएड वाले खुद बीएड वालो का चीरहरण करने में जरा भी परहेज नही कर रहे हैं और उन्हें जमकर लूट रहे हैं।
धन्यवाद
आपका शुभेछु
ऋषि श्रीवास्तव
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