लखनऊ.यूपी के बेसिक शिक्षा के डायरेक्टर ने वाराणसी में 23 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रोग्राम में हंगामा करने पर गिरफ्तार किए गए शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।
डायरेक्टर सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने वाराणसी और चंदौली के बीएसए को लेटर लिखकर शिक्षामित्रों को नोटिस जारी करने और जवाब तलब करने को कहा है। बीएसए को कहा गया है कि जब शिक्षामित्रों का जवाब आने के बाद उसे डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के समझ प्रस्तुत करते करें और शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने की कार्रवाई करे। आगे पढ़िए क्या था पूरा मामला...
- 22 और 23 अगस्त को देश के पीएम नरेंद्र मोदी अपने 2 दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए थे। 23 अगस्त को पीएम को वाराणसी में एक जनसभा को एड्रेस करना था।
- वहीं, सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने से नाराज प्रदेश भर के 1 लाख शिक्षामित्र पीएम के दौरे के मद्देनजर उस दिन वाराणसी में प्रोटेस्ट करने पहुंचे थे।
- 23 अगस्त को पीएम ने वाराणसी में जनसभा को जब एड्रेस करना शुरू किया, तभी शिक्षामित्र उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
- इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने हंगामा कर रहे शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके खिलाफ पीएम की जनसभा में शांतिभंग करने का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। गिरफ्तार के एक हफ्ते बाद शिक्षामित्रों को जमानत मिल गई और उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग का पक्ष
- बेसिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के मुताबिक़, "23 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में आयोजित जनसभा में हंगामा करने वाले शिक्षामित्रों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। वहीं, शिक्षामित्रों का संविदा समाप्त करने का बीएसए को निर्देश दिया गया है।"
शिक्षामित्रों का पक्ष
- यूपी आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जीतेन्द्र शाही के मुताबिक़, "यदि सरकार ने किसी भी शिक्षामित्र के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रोटेस्ट किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।"
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डायरेक्टर सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने वाराणसी और चंदौली के बीएसए को लेटर लिखकर शिक्षामित्रों को नोटिस जारी करने और जवाब तलब करने को कहा है। बीएसए को कहा गया है कि जब शिक्षामित्रों का जवाब आने के बाद उसे डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के समझ प्रस्तुत करते करें और शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने की कार्रवाई करे। आगे पढ़िए क्या था पूरा मामला...
- 22 और 23 अगस्त को देश के पीएम नरेंद्र मोदी अपने 2 दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए थे। 23 अगस्त को पीएम को वाराणसी में एक जनसभा को एड्रेस करना था।
- वहीं, सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने से नाराज प्रदेश भर के 1 लाख शिक्षामित्र पीएम के दौरे के मद्देनजर उस दिन वाराणसी में प्रोटेस्ट करने पहुंचे थे।
- 23 अगस्त को पीएम ने वाराणसी में जनसभा को जब एड्रेस करना शुरू किया, तभी शिक्षामित्र उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
- इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने हंगामा कर रहे शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके खिलाफ पीएम की जनसभा में शांतिभंग करने का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। गिरफ्तार के एक हफ्ते बाद शिक्षामित्रों को जमानत मिल गई और उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग का पक्ष
- बेसिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के मुताबिक़, "23 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में आयोजित जनसभा में हंगामा करने वाले शिक्षामित्रों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। वहीं, शिक्षामित्रों का संविदा समाप्त करने का बीएसए को निर्देश दिया गया है।"
शिक्षामित्रों का पक्ष
- यूपी आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जीतेन्द्र शाही के मुताबिक़, "यदि सरकार ने किसी भी शिक्षामित्र के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रोटेस्ट किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।"
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