इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए केंद्रों का निर्धारण 15 जिलों में फंसा है। इन जिलों के जिलाधिकारी की ओर से केंद्रों की सूची का इंतजार है।
मंगलवार तक अंतिम सूची न आने पर संबंधित जिलों की सूचना शासन को भेजी जाएगी, क्योंकि केंद्र निर्धारण में विलंब होने से बोर्ड की किरकिरी हो रही है। वहीं, इलाहाबाद जिले की अंतिम सूची में 26 परीक्षा केंद्र बढ़ गए हैं। ऐसे ही अन्य कई जिलों में उलटफेर हुआ है। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण इस बार कंप्यूटर के जरिये बोर्ड मुख्यालय पर ही हो रहा है। शासन ने यह काम जिलों से छीनकर बोर्ड मुख्यालय को इसीलिए सौंपा था कि ताकि इसमें पारदर्शिता रहे और समय पर केंद्र निर्धारित हो जाएं, लेकिन पहले अनंतिम सूची जारी में काफी विलंब हुआ और अब अंतिम सूची अधर में है। ज्ञात हो कि 30 नवंबर तक केंद्रों की अंतिम सूची जारी करने का लक्ष्य तय था। अब तक रायबरेली, अमेठी, गाजीपुर, अलीगढ़, जौनपुर, इटावा, औरैया समेत करीब 15 जिलों से आपत्तियां निस्तारित करके डीएम की ओर से सूची नहीं भेजी गई है। पहले नगर निकाय चुनाव के कारण बैठकें न हो पाने का हवाला दिया जा रहा था, अब तो आचार संहिता तक खत्म हो चुकी है, फिर भी देरी हो रही है। असल में परीक्षा केंद्रों की अनंतिम सूची जारी होने पर तमाम डिबार विद्यालय और निजी कालेज मनमाने तरीके से केंद्र बन गए थे।
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मंगलवार तक अंतिम सूची न आने पर संबंधित जिलों की सूचना शासन को भेजी जाएगी, क्योंकि केंद्र निर्धारण में विलंब होने से बोर्ड की किरकिरी हो रही है। वहीं, इलाहाबाद जिले की अंतिम सूची में 26 परीक्षा केंद्र बढ़ गए हैं। ऐसे ही अन्य कई जिलों में उलटफेर हुआ है। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण इस बार कंप्यूटर के जरिये बोर्ड मुख्यालय पर ही हो रहा है। शासन ने यह काम जिलों से छीनकर बोर्ड मुख्यालय को इसीलिए सौंपा था कि ताकि इसमें पारदर्शिता रहे और समय पर केंद्र निर्धारित हो जाएं, लेकिन पहले अनंतिम सूची जारी में काफी विलंब हुआ और अब अंतिम सूची अधर में है। ज्ञात हो कि 30 नवंबर तक केंद्रों की अंतिम सूची जारी करने का लक्ष्य तय था। अब तक रायबरेली, अमेठी, गाजीपुर, अलीगढ़, जौनपुर, इटावा, औरैया समेत करीब 15 जिलों से आपत्तियां निस्तारित करके डीएम की ओर से सूची नहीं भेजी गई है। पहले नगर निकाय चुनाव के कारण बैठकें न हो पाने का हवाला दिया जा रहा था, अब तो आचार संहिता तक खत्म हो चुकी है, फिर भी देरी हो रही है। असल में परीक्षा केंद्रों की अनंतिम सूची जारी होने पर तमाम डिबार विद्यालय और निजी कालेज मनमाने तरीके से केंद्र बन गए थे।
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