आगरा। शिक्षामित्र सुप्रीमकोर्ट में अपना केस लड़ रहे
हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद
किया। इसके बाद योगी आदित्यनाथ
की सरकार ने उन्हें सहायक शिक्षक बनने के लिए कई कड़े नियमों से गुजरने के
लिए मजबूर कर दिया।
शिक्षामित्र टीईटी की परीक्षा में भी कड़े सवालों के दौर से गुजरे। लेकिन, कुछ शिक्षामित्र ऐसे भी हैं, जिन्होंने शार्टकट का रास्ता अख्तियार किया। ऐसे शिक्षामित्रों पर संकट के बादल मंड़रा गए गए हैं। आगरा में छह शिक्षामित्रों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं दस शिक्षामित्रों पर अभी एफआईआर होना बाकी है।
एफआईआर भी होगी, शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
जिले में प्रमाणपत्रों की जांच की गई थी। इस जांच में करीब 26 शिक्षामित्र ऐसे पाए गए थे, जिनके प्रमाणपत्र संदेह के घेरे में थे। इनके प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल जब गहराई से हुई। तो इनके प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षामित्रों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एक्शन लिया है। छह शिक्षामित्रों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के आदेश विभाग ने जारी किए हैं।
एक बार दिया था शिक्षामित्रों को मौका
बता दें कि शिक्षामित्रों का समायोजन जब किया गया था। तब दो चरण हुए थे। दूसरे चरण में आगरा में करीब तीन दर्जन शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्र संदेह के दायरे में पाए गए थे। इन प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल कराई थी। विश्वविद्यालय और संबंधित बोर्ड ने इन प्रमाणपत्रों को फर्जी करार दिया। इसके बाद 26 शिक्षामित्र पाए गए जो फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। मात्र तीन शिक्षामित्र ही जांच में सही पाए गए। साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए इन्हें एक मौका दिया गया था। लेकिन, प्रमाण पत्र सत्यापित नहीं हो सके। बताया गया है कि पिनाहट के घनश्याम, नीतू, रामसिंह और एत्मादपुर ब्लॉक के किसमा में तैनात एक शिक्षामित्र की सेवा समाप्त की गई है। वहीं बाह की कमला और फतेहाबाद की शशि की सेवाएं भी समाप्त की गई है। बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि सेवा समाप्त करने के साथ साथ इनके खिलाफ एफआईआर के निर्देश भी दिए गए हैं।
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शिक्षामित्र टीईटी की परीक्षा में भी कड़े सवालों के दौर से गुजरे। लेकिन, कुछ शिक्षामित्र ऐसे भी हैं, जिन्होंने शार्टकट का रास्ता अख्तियार किया। ऐसे शिक्षामित्रों पर संकट के बादल मंड़रा गए गए हैं। आगरा में छह शिक्षामित्रों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं दस शिक्षामित्रों पर अभी एफआईआर होना बाकी है।
एफआईआर भी होगी, शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
जिले में प्रमाणपत्रों की जांच की गई थी। इस जांच में करीब 26 शिक्षामित्र ऐसे पाए गए थे, जिनके प्रमाणपत्र संदेह के घेरे में थे। इनके प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल जब गहराई से हुई। तो इनके प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षामित्रों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एक्शन लिया है। छह शिक्षामित्रों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के आदेश विभाग ने जारी किए हैं।
एक बार दिया था शिक्षामित्रों को मौका
बता दें कि शिक्षामित्रों का समायोजन जब किया गया था। तब दो चरण हुए थे। दूसरे चरण में आगरा में करीब तीन दर्जन शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्र संदेह के दायरे में पाए गए थे। इन प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल कराई थी। विश्वविद्यालय और संबंधित बोर्ड ने इन प्रमाणपत्रों को फर्जी करार दिया। इसके बाद 26 शिक्षामित्र पाए गए जो फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। मात्र तीन शिक्षामित्र ही जांच में सही पाए गए। साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए इन्हें एक मौका दिया गया था। लेकिन, प्रमाण पत्र सत्यापित नहीं हो सके। बताया गया है कि पिनाहट के घनश्याम, नीतू, रामसिंह और एत्मादपुर ब्लॉक के किसमा में तैनात एक शिक्षामित्र की सेवा समाप्त की गई है। वहीं बाह की कमला और फतेहाबाद की शशि की सेवाएं भी समाप्त की गई है। बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि सेवा समाप्त करने के साथ साथ इनके खिलाफ एफआईआर के निर्देश भी दिए गए हैं।
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