काउंसिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जाम (सीआईएससीई) बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर पांचवीं और आठवीं कक्षा में स्पेशल परीक्षा कराएगा। यह नई व्यवस्था सत्र 2018-19 में लागू कर दी जाएगी।
स्पेशल परीक्षा से काउंसिल एक तरह से स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और छात्रों के ज्ञान का आकलन करेगा। अभी तक सीआईएससीई के छात्रों को दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देनी होती थी। वहीं कक्षा एक से लेकर आठ तक स्कूल अपने स्तर पर परीक्षाएं करवाते थे। पढ़ाई में गुणवत्ता लाने के लिए काउंसिल ने कई बदलाव किए हैं। ये सभी बदलाव अगले सत्र से लागू हो जाएंगे। नए नियमानुसार 5वीं व 8वीं कक्षा का फाइलन परीक्षा एक स्पेशल परीक्षा के तौर पर होगी।
सीआईएससीई ने पासिंग मार्क्स में भी बदलाव किया है। अगले सत्र से 10वीं की परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को 35 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे, जबकि 12वीं में 40 फीसदी अंक लाने वाले छात्रों को उत्तीर्ण माना जाएगा।
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स्पेशल परीक्षा से काउंसिल एक तरह से स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और छात्रों के ज्ञान का आकलन करेगा। अभी तक सीआईएससीई के छात्रों को दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देनी होती थी। वहीं कक्षा एक से लेकर आठ तक स्कूल अपने स्तर पर परीक्षाएं करवाते थे। पढ़ाई में गुणवत्ता लाने के लिए काउंसिल ने कई बदलाव किए हैं। ये सभी बदलाव अगले सत्र से लागू हो जाएंगे। नए नियमानुसार 5वीं व 8वीं कक्षा का फाइलन परीक्षा एक स्पेशल परीक्षा के तौर पर होगी।
सीआईएससीई ने पासिंग मार्क्स में भी बदलाव किया है। अगले सत्र से 10वीं की परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को 35 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे, जबकि 12वीं में 40 फीसदी अंक लाने वाले छात्रों को उत्तीर्ण माना जाएगा।
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