लखनऊ.
यूपी बेसिक एजुकेशन बोर्ड ने यूपीटीईटी-2017 का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस
बार प्राइमरी लेवल पर 18 फीसदी और हाई प्राइमरी लेवल पर 8 फीसदी कैंडिडेट
एग्जाम पास कर पाए।
सबसे ज्यादा झटका शिक्षामित्रों को लगा है। टीईटी के रिजल्ट ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। शिक्षामित्रों ने DainikBhaskar.com से बात कर अपनी आपबीती को बयां किया।
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आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसियेशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही के
मुताबिक, शिक्षामित्रों को टीईटी एग्जाम की तैयारी के लिए पर्याप्त टाइम
नहीं दिया गया। सरकार ने एक महीने के अंदर ही फार्म भरवाकर बहुत जल्दी
एग्जाम करा दिया गया।
- इसका परिणाम ये हुआ कि टीईटी एग्जाम में शामिल होने वाले 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से बड़ी संख्या में शिक्षामित्र फेल हो गए। उनके पास सहायक अध्यापक बनने का एक मौका था। लेकिन अब वह भी हाथ से निकल गया।
- यूपी के करीब 1 लाख से ज्यादा शिक्षामित्र अपने आप को ठगा हुआ और असहाय महसूस कर रहे हैं। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है कि वे अब क्या करें।
सीएम से मिलकर करेंगे ये मांग
- आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसियेशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही के मुताबिक, ''यूपी के शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा।सीएम से उनकी मांग होगी कि उनके 17 साल के एक्सपीरिएंस को इग्नोर न किया जाए। सहायक अध्यापक बनने का एक और मौका दिया जाए। वे अच्छा परफार्म करके दिखाएंगे।''
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना है।
-जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
-सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
-मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
पीएम को शिक्षामित्रों ने लिखा लेटर
- आपको अवगत कराना है कि ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 25 जुलाई 2017 से यूपी के प्राइमरी स्कूलों के 1.70 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गये है।’
- उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है। मेंटली टॉर्चर के कारण 52 से अधिक शिक्षामित्रों की हार्ट अटैक से अब तक डेथ हो चुकी है।
- प्रदेश भर के शिक्षामित्र दिल्ली से लेकर यूपी तक आंदोलन कर चुके है। सीएम योगी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात के बाद भी कोई हल नहीं निकाला जा सका।
- शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया यदि दोषपूर्ण है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट कह रहा है, तो इसके लिए शिक्षामित्र दोषी नहीं है। बल्कि सिस्टम को बनाने वाला तंत्र इसका दोषी है।
- शिक्षामित्र 17 सालों से गरीब, आमिर, दलित, शोषित सभी वर्गों के बच्चे को बिना किसी के भेदभाव के पढ़ाने का काम कर रहे है। उन्हें एक झटके में निकालना ठीक बात नहीं है।
याद दिलाया शिक्षामित्रों से किए गए वादे
- वाराणसी में इलेक्शन कम्पेन में मोदी जी आपने कहा था, ''शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है।''
- यूपी में मेरी सरकार आते ही आध्यादेश में संसोधन कर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने भी यही वादा किया था।
- बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी इसे शामिल भी किया। अब शिक्षामित्रों के साथ किए गए वादे को पूरा करने का सही समय आ गया है।
सबसे ज्यादा झटका शिक्षामित्रों को लगा है। टीईटी के रिजल्ट ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। शिक्षामित्रों ने DainikBhaskar.com से बात कर अपनी आपबीती को बयां किया।
- इसका परिणाम ये हुआ कि टीईटी एग्जाम में शामिल होने वाले 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से बड़ी संख्या में शिक्षामित्र फेल हो गए। उनके पास सहायक अध्यापक बनने का एक मौका था। लेकिन अब वह भी हाथ से निकल गया।
- यूपी के करीब 1 लाख से ज्यादा शिक्षामित्र अपने आप को ठगा हुआ और असहाय महसूस कर रहे हैं। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है कि वे अब क्या करें।
सीएम से मिलकर करेंगे ये मांग
- आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसियेशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही के मुताबिक, ''यूपी के शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा।सीएम से उनकी मांग होगी कि उनके 17 साल के एक्सपीरिएंस को इग्नोर न किया जाए। सहायक अध्यापक बनने का एक और मौका दिया जाए। वे अच्छा परफार्म करके दिखाएंगे।''
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना है।
-जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
-सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
-मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
पीएम को शिक्षामित्रों ने लिखा लेटर
- आपको अवगत कराना है कि ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 25 जुलाई 2017 से यूपी के प्राइमरी स्कूलों के 1.70 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गये है।’
- उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है। मेंटली टॉर्चर के कारण 52 से अधिक शिक्षामित्रों की हार्ट अटैक से अब तक डेथ हो चुकी है।
- प्रदेश भर के शिक्षामित्र दिल्ली से लेकर यूपी तक आंदोलन कर चुके है। सीएम योगी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात के बाद भी कोई हल नहीं निकाला जा सका।
- शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया यदि दोषपूर्ण है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट कह रहा है, तो इसके लिए शिक्षामित्र दोषी नहीं है। बल्कि सिस्टम को बनाने वाला तंत्र इसका दोषी है।
- शिक्षामित्र 17 सालों से गरीब, आमिर, दलित, शोषित सभी वर्गों के बच्चे को बिना किसी के भेदभाव के पढ़ाने का काम कर रहे है। उन्हें एक झटके में निकालना ठीक बात नहीं है।
याद दिलाया शिक्षामित्रों से किए गए वादे
- वाराणसी में इलेक्शन कम्पेन में मोदी जी आपने कहा था, ''शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है।''
- यूपी में मेरी सरकार आते ही आध्यादेश में संसोधन कर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने भी यही वादा किया था।
- बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी इसे शामिल भी किया। अब शिक्षामित्रों के साथ किए गए वादे को पूरा करने का सही समय आ गया है।
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