लखनऊ. सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने उत्तर प्रदेश
शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 का रिजल्ट शुक्रवार को जारी कर
दिया। 15 अक्टूबर को हुई इस परीक्षा का रिजल्ट करीब 11.11 प्रतिशत ही रहा।
जिसमें प्राइमरी स्तर पर 18 फीसदी और हाई प्राइमरी स्तर पर केवल 8 फीसदी
परीक्षार्थी ही टीईटी पास कर पाए।
UPTET के इस रिजल्ट के आने के बाद से सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को लगा है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक बिना टीईटी पास किए शिक्षा मित्र शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में यूपी के शिक्षा मित्रों के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। अब सवाल ये है कि दोबारा सहायक अध्यापक बनने के लिए शिक्षा मित्र क्या करेंगे। वहीं शिक्षा मित्र संगठनों के मुताबिक अभी भी उन्होंने हार नहीं मानी है और दोबारा सहायक अध्यापक बनने के लिए वे तीन रास्ते अपना सकते हैं।
शिक्षा मित्रों का पहला रास्ता
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम के मुताबिक किसी भी शिक्षा मित्र निराश होने की कताई जरूरत नहीं है। शिक्षा मित्रों के सामने सहायक अध्यापक बनने के लिए अभी भी तीन रास्ते खुले हैं। गाजी इमाम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने का आदेश दिया था। उस आदेश में सुप्रीम कोरेट ने कहा था कि शिक्षामित्र योग्यता बढ़ाने के लिए जितनी बार चाहें, उतनी बार टीईटी एग्जाम में बैठ सकते हैं, लेकिन टीईटी पास होने के बाद सहायक अध्यापक बनने के लिए खुली भर्ती में केवल दो मौके ही मिलेंगे। इन दोनों मौके की गिनती भर्ती निकलने के बाद से होगी। इस हिसाब से शिक्षा मित्रों के पास टीचर बनने के दो मौके बचे हैं। दरअसल यूपी की योगी सरकार प्रदेश में 64 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने वाली है। ऐसे में अभी भी शिक्षामित्रों के पास सहायक अध्यापक बनने के लिए दो मौके बचे हुए हैं।
शिक्षा मित्रों का दूसरा रास्ता
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की तरफ से 14 दिसम्बर 2017 को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। जनवरी के पहले हफ्ते में शिक्षा मित्रों की इस याचिका पर पुनर्विचार होगा। इसलिए अभी भी शिक्षा मित्रों के पास सहायक अध्यापक बनने का कोर्टा का रास्ता खुला हुआ है।
शिक्षा मित्रों का तीसरा रास्ता
शिक्षा मित्रों के सामने एक तीसरा रास्ता भी है। दरअसल उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की तैयारी में है। शिक्षा मित्र इस मुलाकात में खुद को समायोजित करने की मांग को करेंगे। शिक्षामित्र सीएम से ये मांग करेंगे कि सरकार उनके 17 साल के अनुभव को नजरअंदाज न करे। यूपी सरकार उन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए अध्यादेश लाए। इस मुलाकात के बाद भी शिक्षा मित्रों के लिए कोई खुशखबरी सामने आ सकती है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
UPTET के इस रिजल्ट के आने के बाद से सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को लगा है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक बिना टीईटी पास किए शिक्षा मित्र शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में यूपी के शिक्षा मित्रों के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। अब सवाल ये है कि दोबारा सहायक अध्यापक बनने के लिए शिक्षा मित्र क्या करेंगे। वहीं शिक्षा मित्र संगठनों के मुताबिक अभी भी उन्होंने हार नहीं मानी है और दोबारा सहायक अध्यापक बनने के लिए वे तीन रास्ते अपना सकते हैं।
शिक्षा मित्रों का पहला रास्ता
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम के मुताबिक किसी भी शिक्षा मित्र निराश होने की कताई जरूरत नहीं है। शिक्षा मित्रों के सामने सहायक अध्यापक बनने के लिए अभी भी तीन रास्ते खुले हैं। गाजी इमाम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने का आदेश दिया था। उस आदेश में सुप्रीम कोरेट ने कहा था कि शिक्षामित्र योग्यता बढ़ाने के लिए जितनी बार चाहें, उतनी बार टीईटी एग्जाम में बैठ सकते हैं, लेकिन टीईटी पास होने के बाद सहायक अध्यापक बनने के लिए खुली भर्ती में केवल दो मौके ही मिलेंगे। इन दोनों मौके की गिनती भर्ती निकलने के बाद से होगी। इस हिसाब से शिक्षा मित्रों के पास टीचर बनने के दो मौके बचे हैं। दरअसल यूपी की योगी सरकार प्रदेश में 64 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने वाली है। ऐसे में अभी भी शिक्षामित्रों के पास सहायक अध्यापक बनने के लिए दो मौके बचे हुए हैं।
शिक्षा मित्रों का दूसरा रास्ता
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की तरफ से 14 दिसम्बर 2017 को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। जनवरी के पहले हफ्ते में शिक्षा मित्रों की इस याचिका पर पुनर्विचार होगा। इसलिए अभी भी शिक्षा मित्रों के पास सहायक अध्यापक बनने का कोर्टा का रास्ता खुला हुआ है।
शिक्षा मित्रों का तीसरा रास्ता
शिक्षा मित्रों के सामने एक तीसरा रास्ता भी है। दरअसल उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की तैयारी में है। शिक्षा मित्र इस मुलाकात में खुद को समायोजित करने की मांग को करेंगे। शिक्षामित्र सीएम से ये मांग करेंगे कि सरकार उनके 17 साल के अनुभव को नजरअंदाज न करे। यूपी सरकार उन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए अध्यादेश लाए। इस मुलाकात के बाद भी शिक्षा मित्रों के लिए कोई खुशखबरी सामने आ सकती है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines