इलाहाबाद। रोजगार के लिहाज से प्रदेश के युवाओं के लिए बीता साल भले ही कुछ खास न रहा हो लेकिन नए साल से ढेरों उम्मीदें हैं। सरकार बदलने के बाद पिछले साल मार्च में सारी भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी।
महीनों बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तो पटरी पर आया लेकिन पूरे साल कोई बड़ा परिणाम घोषित नहीं कर सका। सरकार ने जुलाई में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन कर एक संस्था बनाने का निर्णय लिया लेकिन बाद में इसे वापस लेते हुए दोनों संस्थाओं के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस बीच सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह ठप रही।हालांकि नए साल में हालात में सुधार की उम्मीद है। शासन ने संकेत दिया है कि चयन बोर्ड का गठन 15 जनवरी तक हो जाएगा। उच्चतर के भी जल्द गठन की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के बाद एडेड कॉलेजों में 11 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती होने की उम्मीद है। प्रधानाचार्यों के डेढ़ हजार से अधिक रिक्त हैं। चयन बोर्ड की ओर से 19865 पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
राजकीय स्कूलों में नौ हजार से अधिक एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती होने की उम्मीद है। सरकार ने पहली बार उप्र लोक सेवा आयोग को जिम्मेदारी दी है।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
महीनों बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तो पटरी पर आया लेकिन पूरे साल कोई बड़ा परिणाम घोषित नहीं कर सका। सरकार ने जुलाई में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन कर एक संस्था बनाने का निर्णय लिया लेकिन बाद में इसे वापस लेते हुए दोनों संस्थाओं के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस बीच सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह ठप रही।हालांकि नए साल में हालात में सुधार की उम्मीद है। शासन ने संकेत दिया है कि चयन बोर्ड का गठन 15 जनवरी तक हो जाएगा। उच्चतर के भी जल्द गठन की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
सरकार ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज को दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी में लिखित परीक्षा होगी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के बाद एडेड कॉलेजों में 11 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती होने की उम्मीद है। प्रधानाचार्यों के डेढ़ हजार से अधिक रिक्त हैं। चयन बोर्ड की ओर से 19865 पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
राजकीय स्कूलों में नौ हजार से अधिक एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती होने की उम्मीद है। सरकार ने पहली बार उप्र लोक सेवा आयोग को जिम्मेदारी दी है।
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