अंबेडकरनगर। जिले के 70 मदरसे 205 शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। वर्ष
2015-16 का छह माह का बकाया मानदेय 1.2 करोड़ रुपये गत दिनों जिला
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध हो गया है। शीघ्र ही संबंधित
शिक्षकों के खाते में छह माह की राशि पहुंच जाएगी।
इसके अलावा वर्ष
2016-17 का भी बकाया शीघ्र ही केंद्र सरकार से निर्गत होने की संभावना है।
ऐसा होने से आर्थिक संकट से जूझ रहे मदरसा शिक्षकों की समस्या काफी हद तक
दूर हो सकेगी।
गौरतलब है कि अलग अलग लाटों के जिले में कुल 344 मदरसे
जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। मदरसा
आधुनिकीकरण योजना के तहत आने वाले इन मदरसा शिक्षकों को केंद्र सरकार
परास्नातक व स्नातक/बीएड शिक्षकों को 12 हजार, जबकि स्नातक शिक्षकों 6 हजार
रुपये का मानदेय देती है। इसके अलावा राज्य सरकार आधुनिकीकरण योजना से
जुड़े सभी शिक्षकों को अंशदान के रूप में 3 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से
देती है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से शिक्षकों के खाते में
राशि भेजी जाती है। गत दिवस तो अशंदान मदरसा शिक्षकों को उपलब्ध हुुआ,
लेकिन लगभग दो वर्ष से मानदेय का भुगतान केंद्र सरकार से नहीं हो सका। इससे
मदरसा शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया।
मदरसा शिक्षकों के
हित की लड़ाई लड़ रहे विभिन्न संगठन लंबे समय से मानदेय भुगतान की मांग कर
रहे थे। इस बीच गत दिवस केंद्र सरकार ने लाट संख्या 1506 व लाट संख्या 672
का बकाया छह माह का मानदेय निर्गत कर दिया, जो कि विगत 15 जनवरी को जिला
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध भी हो गया। वरिष्ठ लिपिक
सरफराज ने बताया कि लाट संख्या 1506 के 64 मदरसों के 191 मदरसा शिक्षकों के
लिए 1 करोड़ 11 लाख 96 हजार रुपये, जबकि लाट संख्या 672 के 6 मदरसों के 14
शिक्षकों के लिए 7 लाख 92 हजार रुपये यानी कुल 1 करोड़ 19 लाख 88 हजार
रुपये उपलब्ध हुए हैं। 1506 में 120 परास्नातक व स्नातक/बीएड हैं व 71
स्नातक स्तर के शिक्षक, जबकि 672 में 8 परास्नातक व स्नातक/बीएड तथा 6
स्नातक स्तर के मदरसा शिक्षक हैं। उधर माडर्न मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद जमाल अहमद अंसारी ने खुशी का इजहार
करते हुए कहा कि मानदेय आने से आर्थिक संकट से जूझ रहे संबंधित लाटों के
मदरसा शिक्षकों की समस्या काफी हद तक दूर होगी।
शीघ्र होगा मादनेय भुगतान
1506 व 672 लाट संख्या का मानदेय विभाग को उपलब्ध हुआ है। जो धनराशि
प्राप्त हुई है, वह पुराने बजट के अनुसार है। इससे भुगतान में कुछ समस्या आ
रही है। हालांकि एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
-जगन्नाथ पांडेय, प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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