जागरण संवाददाता, मैनपुरी: वित्तविहीन कॉलेजों की मनमानी कहीं बोर्ड परीक्षा में खलल न डाल दे। जिन शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा की निगरानी सौंपी गई है, उन्हें अब तक कॉलेजों से कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
जिले में इस बार कक्ष निरीक्षकों की तैनाती एक रणनीति के तहत की गई है। किसी भी परीक्षा केंद्र पर नकल न हो इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से रेंडमाइजेशन के आधार पर कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। अब तक कॉलेज संचालक अपने मनचाहे शिक्षकों की ड्यूटी अपने कॉलेज में लगवा लेते थे। जिले के 121 परीक्षा केंद्रों पर कुल 3352 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती की गई है। इसमें से 1317 परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक, 1046 राजकीय व एडेड कॉलेज के शिक्षक व अन्य वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षक शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों को 30 जनवरी तक कार्यमुक्त होने के बाद परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी ज्वॉइन करनी थी। वित्तविहीन कॉलेजों ने जब शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया तो एक बार फिर उन्हें तीन फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया। इसके बाद भी वित्तविहीन कॉलेज संचालकों पर कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में अगर ये शिक्षक परीक्षा में सहयोग नहीं करते हैं तो समस्या आएगी। इसके लिए एक बार फिर सभी कॉलेज संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक जीएस राजपूत ने बताया कि अगर पांच फरवरी तक सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया तो प्रधानाचार्य के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अगर वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षक बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं तो कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग से की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की पहले से ही ड्यूटी लगाई गई है। इसके बाद परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी चल रही है। अगर अन्य शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाती है तो परिषदीय विद्यालयों में ताला लटक जाएगा।
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