कौशांबी : शिक्षामित्रों का समायोजन समाप्त हुए करीब छह माह से अधिक का
समय बीत गया है। इसके बाद भी जिले के एक हजार से अधिक शिक्षामित्रों के बीच
मानदेय का वितरण नहीं किया जा सका।
अधिकारियों ने पूरा बजट न मिलने का
तर्क दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग की परियोजना इकाई से धन की मांग भी कर
चुके हैं, जवाब न मिलने से शिक्षामित्रों की मुश्किल बढ़ गई है।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग व सर्व शिक्षा अभियान योजना के तहत
शिक्षामित्रों की अलग-अलग भर्ती की गई है। विभाग की ओर से उनको समायोजन रद
होने के बाद से भुगतान भी आने लगा है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले
के 1015 शिक्षामित्रों को समायोजन हुआ था। 25 जुलाई को समायोजन रद हो गया।
इसके साथ ही इन सभी को 10 हजार रुपये प्रति माह की दर से मानदेय दिए जाने
का निर्देश दिया गया। विभाग की लापरवाही से भुगतान नहीं किया जा सका। बेसिक
शिक्षा विभाग के सहायक लेखाधिकारी अरुण प्रजापित ने बताया कि
शिक्षामित्रों का समायोजन जब रद हुआ तो उसके बाद जिले के सभी खंड शिक्षा
अधिकारियों की ओर शिक्षामित्रों की संख्या मांगी गई थी। अधिकारियों ने कुल
918 शिक्षामित्रों की संख्या भेज दी। जिसके सापेक्ष सर्व शिक्षा अभियान के
तहत नौ दिसंबर 2017 को 918 शिक्षामित्रों के लिए मानदेय की मांग की। जिसके
सापेक्ष इन शिक्षामित्रों को तीन माह का मानदेय दो करोड़ तीन लाख का भुगतान
विभाग की ओर से भेज दिया गया। जबकि कुछ दिनों बाद खंड शिक्षा अधिकारियों से
1015 शिक्षामित्रों की सूची भेजी गई। ऐसे में 97 शिक्षामित्रों का मानदेय
नहीं मिल सका। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान से
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 30 दिसंबर को पत्र भेजकर निर्देश मांगा था।
अब तक कोई जवाब न मिल पाने के कारण सभी शिक्षामित्रों का मानदेय फंसा है।
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