सीबीआइ को उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली
किए जाने के प्रमाण मिलने शुरू हो गए हैं। आयोग के कंप्यूटरों से डाटा
उड़ाने और साफ्टवेयर को भी बदल देने के ‘खेल’ का सुराग मिलने पर टीम
के विशेषज्ञ अब डाटा बैकअप एक अत्याधुनिक डिवाइस से
वापस लाने में कामयाबी हासिल की है।
परीक्षाओं का डाटा बैकअप लेने में
वेबसाइट से क्रम न टूट जाए इसलिए सीबीआइ के साफ्टवेयर इंजीनियर गुरुवार रात
भर आयोग में ही डटे रहे।1गुरुवार सुबह करीब नौ बजे आयोग पहुंचे 18
विशेषज्ञ शुक्रवार देर शाम तक वहीं डटे रहे। इस बीच भर्तियों में धांधली
करने के ढेर सारे सबूत भी टीम के हाथ लगे हैं। गुरुवार देर रात आयोग के कुछ
कर्मचारियों पर सीबीआइ को सख्ती भी करनी पड़ी। इसके बाद ही कामयाबी मिलनी
शुरू हो गई। कर्मचारियों ने पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के दबाव में रहने
और उनके इशारे पर पीसीएस, एपीएस, एपीओ, पीसीएस जे आदि बड़ी परीक्षाओं में
तमाम अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों में हेरफेर करने, साक्षात्कार के लिए
बोर्ड तय करने में नियम बदले जाने की जानकारी दी। कंप्यूटर विभाग में
सीबीआइ ने अत्याधुनिक साफ्टवेयर से युक्त ऐसी डिवाइस का इस्तेमाल करना शुरू
कर दिया है जिससे कंप्यूटर से उड़ाए गए डाटा, बदले गए साफ्टवेयर के बाद भी
बैकअप मिल रहा है। परीक्षा विभाग में जांच कार्यवाही के दौरान भर्तियों की
प्रक्रिया में खामियां पाए जाने पर संबंधित अभिलेख सीबीआइ ने सील कर दिए।
सीबीआइ ने कुछ हार्ड डिस्क भी कब्जे में ले ली है।
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