वेतन, एरियर न मिलने से आर्थिक कर्ज में डूबे शिक्षामित्र ने की खुदकुशी

आगरा। शिक्षामित्र अब आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। कई शिक्षामित्र ऐसे हैं, जो इस मौके पर टूट रहे हैं। एक ऐसा ही मामला एटा जनपद के अगागढ़ विकासखंड से सामने आया है।
आर्थिक हालातों में टूट गए शिक्षामित्र मनमोहन सिंह ने खुदकुशी कर ली। मनमोहन सिंह समायोजित शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालय ओनेरा, विकास खंड अवागढ़, जनपद एटा में शिक्षक थे, जो समायोजन रद होने से दुखी और हताश थे। परिजनों का कहना है कि उनका एरियर पिछली जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक का बकाया था। वहीं बोनस और पिछले जुलाई से लेकर अब तक का मानदेय भी विभागीय अधिकारी अपनी हठधर्मिता के कारण जारी नहीं कर रहे थे। जिससे शिक्षामित्र कर्ज में डूबने लगा। परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि शिक्षामित्र समाज के ताने से भी रोजाना परेशान रहते थे। इस कारण मनमोहन सिंह ने निराश होकर बीती रात अपने किराए के कमरे पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर ने इस संदर्भ में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जनपद एटा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एटा प्रदर्शनी एटा महोत्सव में लुफ्त उठा रहे हैं। जबकि, इन्हें अपने विभाग में रहकर शिक्षामित्रों की समस्याओं को निपटाने में रुचि लेनी चाहिए थी। जिला सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी से भी जब इन समस्याओं को रखा गया, उन्होंने भी लापरवाही दर्शाते हुए गुमराह किया।
शिक्षामित्रों के खुदकुशी के कदम से आहत है संघ
जनपद के साथ साथ प्रदेश में दो अन्य स्थानों पर भी शिक्षामित्रों ने खुदकुशी की थीं। उन्नाव और संतकबीर नगर में हुईं शिक्षामित्रों की आकास्मिक मृत्यु के चलते शिक्षामि त्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर ने अपील की है कि शिक्षामित्र धैर्य रखें। संयम वरतें। आत्मघाती कदम न उठाए। सरकार ने जो नीतियां शिक्षामित्रों के खिलाफ अपनाईं हैं, शिक्षामित्र डटकर उनका मुकाबला करने के लिए खडे हैं। आत्महत्या जैसे कदम शिक्षामित्र न उठाएं।
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