लखनऊ : पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने से इंकार पर सोमवार को विधानसभा से समूचे विपक्ष ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया।1
कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी हित का अधिक ध्यान रखा गया है इसलिए बदलाव का कोई विचार नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि 20 लाख कर्मचारियों का अचानक हित जताने वाले विपक्ष को सत्ता में रहते ये सब याद नहीं रहा था। खन्ना ने बताया कि एक अप्रैल, 2005 को मुलायम सरकार के कार्यकाल में इस आशय के शासनादेश को जारी किया था। इसके बाद बसपा व सपा की सरकारें रहीं परंतु तब उन्होंने कर्मचारियों की सुध नहीं लीं।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार चाहे तो पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की तरह कर्मचारियों की मांग स्वीकार करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर सकती है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष पहले जब आप सरकार में थे तो पश्चिम बंगाल व त्रिपुरा का फामरूला क्यों नहीं अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष बेवजह आशंकाएं जता कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। बसपा के सुखदेव राजभर ने 15 हजार से ज्यादा उन शिक्षकों का मुद्दा उठाया जो ज्वाइनिंग तारीख विवाद के चलते नई-पुरानी पेंशन में उलङो हैं। बसपा के लालजी वर्मा ने पेंशन व्यवस्था की समीक्षा करने और गुण दोष के आधार पर कर्मचारी हितों को ध्यान रखने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री खन्ना ने इससे भी इंकार करते हुए कहा कि नई पेंशन पुरानी की अपेक्षा अधिक लाभकारी है। खन्ना का कहना था कि सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर अधिक फिक्रमंद है। सपा-बसपा झूठी सहानुभूति बटोरने की कोशिश में लगी है जो अशोभनीय है। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट सपा, बसपा, कांग्रेस व रालोद ने एक-एक करके बहिर्गमन किया।
नई व पुरानी पेंशन को लेकर सदन में आरोप प्रत्यारोप के बीच में हंसी-ठिठोली का दौर भी चला। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी को बढ़िया अभिनेता बताया और कहा कि किसी फिल्म निर्माता की नजर पड़ गई तो कहीं यह सदन अपने एक नेता वंचित हो जाए। चौधरी भी चुटकी लेने से नहीं चूके और उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि मैं हीरो बना तो आपको हीरोइन के तौर पर देखना पसंद करूंगा। इस पर खन्ना ने कहा कि हीरो की हैसियत से तो हम ही रहेंगे। आप शशिकला बनेंगे तो हम अमिताभ, आप ललिता पंवार की तरह रहे तो हम दलीप कुमार। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि सब अपने आप ही तय करोगे या कुछ डायरेक्टर से भी पूछोगे।
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