*टेट-२०१७ मामले की अगली सुनवाई १९ मार्च*
राम कुमार गुप्ता
बहराइच
*आज की सुनवाई की कोर्ट समीक्षा*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
आज सबसे पहले बताना चाहता हूँ, कि *एडवोकेट राजीव त्रिपाठी जी, जो कि रामकुमार गुप्ता (शिक्षामित्र)* के वकील हैं, इनकी ओर से दाखिल की गई विशेष *अपील संख्या:-86/2018* जिसमे टीईटी 2017 को रदद् करने की मांग आज डबल बेंच में की गई है, जिसे हमारी टीम मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री जयदीप नारायण माथुर साहब द्वारा डिफेंड करेगी, इसके लिए आज पूरी बहस में हमारे पालनहार अधिवक्ता श्री अमित भदौरिया साहब के साथ सीनियर एडवोकेट श्री उपेंद्र नाथ मिश्रा साहब मौजूद रहे।
*मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री माथुर साहब से वार्ता सफल रही, भदौरिया साहब ने विश्वास दिलाया है, टीईटी-2017 पर रदद् होने जैसी कोई आंच नही आएगी।
*इन सब गहमागहमी के बीच एडवोकेट जनरल बहस के लिए खड़े हुए, कोर्ट द्वारा पुनः पूरे प्रकरण को रिवाइज किया गया, सरकार ने बताया कि किस तरह का संशोधन अभी तक उत्तर कुंजी मे किया गया है, एनसीटीई गाइडलाइन्स पर विस्तृत आर्गुमेंट सरकार द्वारा दिये गए*
।
*मुख्य बहस आउट ऑफ सिलेबस पर आधारित रही, जिसके अंतर्गत सरकार ने कोर्ट को बताया कि आउट ऑफ सिलेबस न होकर लिंकेज है। पूरी बहस के दौरान सरकार द्वारा वही पुराने आर्ग्यूमेंट्स दिए गए, जो सिंगल बेंच में थे, सरकार ने कोई नवाचार नही किया, अब बारी हमारी है!!!
इसी के साथ 19 मार्च निर्णायक तिथि तय हो गयी है, हम समान अंको पर अडिग हैं*।
बहराइच
*आज की सुनवाई की कोर्ट समीक्षा*
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आज सबसे पहले बताना चाहता हूँ, कि *एडवोकेट राजीव त्रिपाठी जी, जो कि रामकुमार गुप्ता (शिक्षामित्र)* के वकील हैं, इनकी ओर से दाखिल की गई विशेष *अपील संख्या:-86/2018* जिसमे टीईटी 2017 को रदद् करने की मांग आज डबल बेंच में की गई है, जिसे हमारी टीम मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री जयदीप नारायण माथुर साहब द्वारा डिफेंड करेगी, इसके लिए आज पूरी बहस में हमारे पालनहार अधिवक्ता श्री अमित भदौरिया साहब के साथ सीनियर एडवोकेट श्री उपेंद्र नाथ मिश्रा साहब मौजूद रहे।
*मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री माथुर साहब से वार्ता सफल रही, भदौरिया साहब ने विश्वास दिलाया है, टीईटी-2017 पर रदद् होने जैसी कोई आंच नही आएगी।
*इन सब गहमागहमी के बीच एडवोकेट जनरल बहस के लिए खड़े हुए, कोर्ट द्वारा पुनः पूरे प्रकरण को रिवाइज किया गया, सरकार ने बताया कि किस तरह का संशोधन अभी तक उत्तर कुंजी मे किया गया है, एनसीटीई गाइडलाइन्स पर विस्तृत आर्गुमेंट सरकार द्वारा दिये गए*
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*मुख्य बहस आउट ऑफ सिलेबस पर आधारित रही, जिसके अंतर्गत सरकार ने कोर्ट को बताया कि आउट ऑफ सिलेबस न होकर लिंकेज है। पूरी बहस के दौरान सरकार द्वारा वही पुराने आर्ग्यूमेंट्स दिए गए, जो सिंगल बेंच में थे, सरकार ने कोई नवाचार नही किया, अब बारी हमारी है!!!
इसी के साथ 19 मार्च निर्णायक तिथि तय हो गयी है, हम समान अंको पर अडिग हैं*।
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