इलाहाबाद : सरयू प्रसाद इंटर कालेज आमीपुर इलाहाबाद में छात्र-छात्रओं
की संख्या डेढ़ हजार है। इन्हें पढ़ाने के लिए कालेज में महज दो शिक्षक
तैनात हैं। यहीं के रामचरन इंटर कालेज कोरांव में छात्र-छात्रओं की तादाद
करीब एक हजार है, उन्हें पढ़ाने के लिए केवल प्रधानाचार्य ही हैं।
बाकी
शिक्षकों के सभी पद रिक्त पड़े हैं। प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक कालेजों
में शिक्षकों की बड़े पैमाने पर कमी है। ज्यादातर कालेजों में कामचलाऊ
शिक्षकों से जैसे-तैसे पढ़ाई कराई जा रही है। साढ़े चार हजार से अधिक
अशासकीय माध्यमिक कालेजों की लगभग एक जैसी ही कहानी है। ग्रामीण क्षेत्र
में छात्र-छात्रओं की तादाद अधिक है लेकिन, उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक
नहीं हैं। वहीं, शहरी कालेजों में शिक्षक अधिक हैं लेकिन, पढ़ने वाले
छात्र-छात्रएं गिने-चुने तैनात हैं। यह असंतुलन नए शैक्षिक सत्र में बरकरार
रहेगा, क्योंकि सरकार शिक्षकों की इधर न तो भर्ती कर सकी है और न ही उनका
समायोजन करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय
नेता डॉ. शैलेष कुमार पांडेय ने कहा है कि माध्यमिक कालेजों में नया सत्र
शुरू हो चुका है, किताबें बाजार में आ गई हैं लेकिन, जब तक शिक्षकों की
भर्ती तेजी से नहीं होगी, तब तक इन इंतजामों का कोई मतलब नहीं है।
2011 व 2016 की भर्तियां लंबित : अशासकीय कालेजों में माध्यमिक शिक्षा सेवा
चयन बोर्ड उप्र से नियुक्तियां होती हैं। यहां पर वर्ष 2011 की लिखित
परीक्षा कराई जा चुकी है, अभी साक्षात्कार नहीं हुआ है। इसी तरह से 2016
में करीब नौ हजार से अधिक पदों का विज्ञापन हुआ। लिखित परीक्षा का एलान
होने के बाद भी इम्तिहान नहीं हो सका। एक साल से चयन बोर्ड ठप होने से
नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। अब चयन बोर्ड गठित हुआ है लेकिन, विज्ञापित
पदों पर भर्तियां पूरा होने में यह सत्र बीत जाएगा। राजकीय में दस हजार पद
खाली : राजकीय इंटर कालेजों में भी दस हजार से अधिक एलटी ग्रेड शिक्षकों के
पद खाली हैं। दो साल पुरानी भर्ती का विज्ञापन कुछ दिन पहले उप्र लोकसेवा
आयोग से जारी हुआ है। इस समय आवेदन लिए जा रहे हैं और लिखित परीक्षा छह मई
को कराने की तैयारी है। जिस तरह से आवेदन लिए जा रहे हैं। उससे परीक्षा की
तारीख बढ़ने के आसार हैं। वहीं, परिणाम और चयन पूरा होने में नया सत्र आधा
बीतने के आसार हैं।
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