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टीईटी-2017 सर्वोच्च न्यायालय: जानिए 68500 शिक्षक भर्ती पर क्या असर डाल सकता है UPTET 2017 का रिजवान अंसारी का केस

*टी ई टी-2017-सर्वोच्च न्यायालय*
*✍दीपक की कलम से....*
जुलाई का आगमन होते ही सर्वोच्च न्यायालय में केस के  आवागमन की सरगर्मियां तेज हो गयी है।लगभग 2 माह के अन्तराल के बाद सर्वोच्च न्यायालय पुनः अपनी उसी न्याय के तराजू के साथ न्याय करने को तत्पर है।

*न्याय की कसौटी पे हर वक्त खरा उतरना एक चुनौती होती है।जो उस समय के परिपेक्ष्य में एक मुक्कमल एव माकूल जवाब होता है।आगमी फरियादियों के लिए,लोगो के जेहन में कुछ दिनों तक यादे रहती है लेकिन यादे तो होती ही है यादे बनने के लिए।*
*_टेट-2017 शिक्षा इतिहास में काफी कुछ उतार चढ़ाव ले के आया,कितने रिकार्ड बनाये अब तक सबसे ज्यादा रिजल्ट इसी में आये अन्य कई मुद्दे।टेट-2011 के बाद सबसे ज्यादा विवाद एवम सुर्खी बटोरने का काम किया तो टेट-2017_*
*_××××××कोर्ट-परिपेक्ष्य××××××_*
टेट-2017 का मामला अभी पूर्ण रूपेण खत्म नहीं हुआ है।जुलाई में प्रारंभ हुए सर्वोच्च न्यायालय के सेशन में यह *मामला 6 जुलाई को लगा हुआ है।* सबसे बड़ी बात ये है कि इस मामले से 107000 बच्चो का भविष्य जुड़ा है जो टेट-पास कर 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठ चुके है।
*ग्रीष्मकालीन विशेष बैच न्यायधीश ए0 ऍम0 खानविलकर एवम न्यायधीश नवीन सिन्हा जी की खंडपीठ ने स्पेशल अपील नंबर डायरी नंबर-20013/2018 (सलप-12902/2018-सुखदेव सिंह) -टीम रिजवान अंसारी-की सुनवाई करते हुए 68500 शिक्षक भर्ती को टेट-2017 प्रकरण के सर्वोच्च न्यायालय निर्णय के अधीन कर दिया था।*
*☝टेट-2017 के डबल बेंच ने भी टेट-2017 को मो0 रिजवान की याचिका में पारित न्यायालय के अंतिम आदेश के अधीन कर दिया था।और उस स्थिति में परीक्षा नियामक के अड़ियल रवैये के बावजूद उन्हें टेट-2017 का घोषित परिक्षफल रद्द करना पड़ा और नए पास अभ्यर्थियो को मौका देना पड़ा।कुछ ऐसी ही कश्मकश की स्थिति अब 68500 के साथ है अगर टीम रिजवान के याचिका पे फैसला आया तो 68500 को रुकना पड़ सकता है....हालाकि अब यह पूर्णतः कोर्ट के विवेकाधीन पे है कि वह क्या मामला उठाते है।*

*🏹क्या है SLP-12902/2018 सुखदेव सिंह बनाम उ प्र सरकार की याचिका।*
_इससे पहले यह याचिका जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस इंदु मल्होत्ता जी के बेंच में गया था।जहाँ से समय की नजाकत को भाप के मो0 रिजवान के अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय बार एशोसिएन के वर्तमान अध्यक्ष ने अपनी रिट वापस ले ली।_
_उसी रीट में आंशिक संसोधन के साथ कुछ मजबूत साक्ष्यों के साथ पुनः कोर्ट में दस्तक दी याचिका को महत्पूर्ण समझते हुए 68500 को न्यायालय के अंतिम आदेश के अधीन कर दिया गया है।_

*🏹किस बिंदु को आधार बनाया गया है इस याचिका में।*
_पुनः संसोधित इस याचिका का मुख्य मुद्दा है कि कमेटी की रिपोर्ट।_
_याचिकाकर्ता की याचिका में माँग है कि कमेटी की रिपोर्ट का अवलोकन कर के उनके द्वारा कोर्ट को बताये गए प्रश्नों से मिलान कर के उस पर निर्णय दिया जाये_
*इस याचिका को UPPSC के परीक्षा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए टिप्पड़ी "सरकार की अपील को न मानते हुए कहा था अगर कमेटी की रिपोर्ट गलत है तो उसे संसोधित किया जा सकता है।"*
*टेट-2017 की याचिका इस आधार पे मजबूत हो गयी क्योकि उनकी प्रमुख माँग है कि कमेटी की रिपोर्ट पे संसोधन हमें नहीं करना बस कमेटी की रिपोर्ट के आधर पे ही हमें न्याय दे अगर कमेटी के हिसाब से हम गलत है तो हमारी याचिका रद्द कर दे यदि कमेटी के हिसाब से हम सही है तो हमें अंक प्रदान कर टेट-2017 पास घोषित कर के 68500 में मौका दिया जाये।*

*🏹क्या है टेट-2017 के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट।*
_उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ के डबल बेंच के आधार पे कमेंटी बनी उसमे लख़नऊ विश्वविद्यालय के 12 विषय विशेषज्ञ के पैनल को टेट-2017 के 14 विवादित प्रश् सौपे गए।साथ ही यह आदेश पारित हुआ की रिपोर्ट आने के बाद दोनों पक्षो से रिपोर्ट पे बहस के बाद न्यायायल अपना अंतिम निर्णय सुनाएगा।_
_कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डबल बेंच को सौंपी_
_डबल बेंच के न्यायधीश महोदय ने स्वयं कमेटी की रिपोर्ट को देखा बिना दोनों पक्षो से बहस किये अपना अंतिम निर्णय तुरन्त सुना दिया।_
*पुरे प्रकरण में मजे के बात ये रही की याचिकाकर्ता के वकील माँग करते रहे हमें भी रिपोर्ट दिखाई जॉए लेकिन एक न् सुनते हुए निर्णय लिख दिया गया।उसी दिन तय था मामला सुप्रीम कोर्ट जाना तय है क्योंकि इस देश में सबको अधिकार है अपने मामले का साक्ष्य देखने का*
_👆जब याचिकाकर्ता के द्वारा कमेटी रिपोर्ट को न्यायालय के नियमो के तहत प्राप्त किया गया तो उसमें विवादित 4 प्रश्न को अप्पति के साथ मिलता पाया गया।उसी की मांग के लिए यह याचिका है।_
*ध्यान दे👉इस याचिका में आउट ऑफ सिलेबस भी अहम स्थान प्राप्त किया है लेकिन याचिक का आधार कमेटी रिपोर्ट है।*

*🏹68500 पे इस याचिका का कोई असर है या नहीं।*
_असर की बात तो निर्णय पे होगी लेकिन ये 68500 शिक्षक भर्ती ही इस याचिका के अधीन हुई है ऐसे में अगर टेट-2017 में संसोधन होता है तो तीन तरह के आदेश हो सकते है।_
_■68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द हो सकती है।(सम्भावना बहुत ही नगण्य है।)_
_■नवीन पास प्रशिक्षिओ के लिए अलग से भर्ती परीक्षा करते हुए 68500 पे  परीक्षा संम्पन होने तक रोक लग सकती है।(याचिका कर्ता पुनः परीक्षा कराने की मांग करेंगे 68500 रद्द करके।)_
_■टेट-2017 पास घोषित कर दिया जाये एवम अगले 68500 में प्रतिभाग करने का आदेश हो।(शिक्षामित्रों को सर्वोच्च न्यायालय से मिले 2 मौका शिक्षक बनने के आदेश का उलंघन होगा।)

*©अंत में सारा निर्णय अंतिम निर्णय के अधीन है तो फिर उसी के आधर पे होगा।*

*🏹याचिका रद्द होने की सम्भावना है या नहीं।*
_कोर्ट प्रकरण पे कुछ बोलना जल्दबाजी होगी।_
*रद्द होना और पक्ष में आने की सम्भावना 50%-50℅ है।*
6/07/2018 को जो भी स्थिति परिस्थिति बनेगी उसपे निर्णय आएगा आगे का।
68500 शिक्षक भर्ती में तमाम प्रशिक्षु परेशान है।कुछ टेट-2016 इनवैलिड होने के नाते तो कुछ टेट-2017 पास न होने के नाते इसमें सबसे ज्यादा।
किसी ने सही लिखा है।...
*"हर भर्ती फॅसा देंगे ⚖कोर्ट में।"*
*"कभी तो आओ उत्तर प्रदेश में"☺️* यही दौर चल रहा है।68500 का।
*निष्कर्ष:-जितनी जल्दी ये भर्ती पूरी होगी चुनाव से पहले नयी 68500 आने की सम्भावना है लेकिन ये पूरी हो तब तो।☺️*
*✍✍✍*
*💥🕯दीपक🕯💥*

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