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फतेहपुर: शिक्षा मंदिरों के खुले ताले, अधिकारी बने मास्साब

फतेहपुर : ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को पहले दिन विद्यालयों के ताले खुले। प्रशासनिक सक्रियता के चलते समय से पहले विद्यालयों के ताले खोलने की होड़ लगी रही। ऐरायां और विजयीपुर ब्लाक के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में बीएसए मास्साब की भूमिका में नजर आए।
उन्होंने जहां विद्यालय देखा वहीं ग्रीष्मावकाश से लौटे बच्चों को पढ़ाया। यही क्रम अन्य ब्लाकों में खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा किया गया। डर के चलते जहां विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की हाजिरी रही वहीं पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष महज 45 प्रतिशत हाजिरी ही रही।
जिले के 13 ब्लाकों एवं मुख्यालय तथा ¨बदकी नगर क्षेत्र के 2650 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय गुलजार हो गए। खोले गए विद्यालयों में जहां अधिकारियों के वाहन फर्राटा भरते रहे वहीं बच्चों का कलरव कमतर रहा। हर विद्यालय के निरीक्षण के बाद खंड शिक्षाधिकारी एवं जिम्मेदार एबीआरसी तथा एनपीआरसी बीएसए के ह्राट्सएप पर फोटो खींचकर डालकर रिपोर्ट अपडेट देते रहे। अधिकारियों के निरीक्षण को लेकर शिक्षक-शिक्षिकाओं में दहशत रही। स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों को शिक्षक-शिक्षिकाओं ने रोली का तिलक करके स्वागत में पुष्प दिया तो कहीं पर बच्चों को पुष्पहार भी पहनाए गए। कुल मिलाकर पहले दिन पूर्व की तैयारियां काम आईं तो छात्र-छात्रओं की कमतर हाजिरी ने तैयारियों का मजा खराब कर दिया।

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