मैनपुरी में विद्यालय का नाम ही पढ़ा रहा छुआछूत का पाठ, निर्वाचन आयोग ने भी नहीं उठाई आपत्ति

निर्वाचन आयोग ने भी नहीं उठाई आपत्ति1हाल ही में मतदाता पुनरीक्षण कराया गया है। निर्वाचन के रिकॉर्ड में विधानसभा भोगांव के भाग स्ांंख्या 336 में विद्यालय ‘प्राथमिक विद्यालय दलित वर्ग शीलवंत’ के नाम से ही पंजीकृत है। यहां कुल 761 (400 पुरुष और 360 महिला) मतदाता पंजीकृत हैं।
वीरभान सिंह, मैनपुरी 1समाज से छुआछूत का भाव मिटाने की पुरजोर कोशिश जारी है। सरकारी स्तर पर इस शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लग चुका है। इसके बाद भी जिले में एक विद्यालय ‘दलित वर्ग’ के नाम से संचालित हो रहा है। वो भी, अब से नहीं, पिछले करीब सात दशकों से। ग्रामीणों ने नाम बदलने की आवाज उठाई है। 1मैनपुरी के बेवर ब्लॉक क्षेत्र के गांव शीलवंत स्थित इस विद्यालय का नाम है- प्राथमिक विद्यालय दलित वर्ग। अनुसूचित वर्ग की बहुलता के कारण इस विद्यालय के नाम में ‘दलित वर्ग’ जुड़ गया। यहां पढ़ने वाले बच्चांे में इक्का-दुक्का ही दूसरी बिरादरी के हैं। गांव के युवा सुखवीर कहते हैं कि विद्यालय के नाम से दलित शब्द हट जाना चाहिए। गांव वाले भी यही चाहते हैं। बुजुर्ग फूलचंद्र का कहना है कि वर्षों पहले जो गलती हुई है, उसे सुधारा भी जा सकता है। 1पहुंची आवाज : प्रधानाध्यापिका पूनम कहती हैं कि ग्रामीणों की मांग से अधिकारियों को अवगत करा दिया है। एबीएसए जेपी पाल ने बताया कि अभिलेखों के तहत विद्यालय का ये नाम वर्ष 1948 से चला आ रहा है। नाम परिवर्तन की प्रक्रिया के लिए बीएसए को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। 1नाम बदलने के लिए ग्राम शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंध समिति से प्रस्ताव मांगा है। गांव वालों की राय भी लिखित में ली जाएगी। नियमानुसार प्रक्रिया से दलित शब्द हटवाने की कार्यवाही कराई जाएगी।1विजय प्रताप सिंह, बीएसए, मैनपुरी।