68500 शिक्षक भर्ती: अफसर करा रहे आंदोलन,न जांच पूरी हुई और न एक माह में आया संशोधित रिजल्ट

इलाहाबाद : सरकारी महकमों में भर्तियों का मुद्दा इन दिनों गर्म है। जिन्हें नौकरी नहीं मिली है, वह तो आंदोलित हैं ही, साथ ही वे भी आंदोलन की राह पर हैं जो नियुक्ति पा चुके हैं। परीक्षा और परिणाम के अलावा नियुक्तियों के मानक को लेकर अफसर निशाने पर हैं।
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कुछ दिन पहले ही सभी भर्ती आयोगों के अध्यक्ष व सचिवों को हिदायत दे चुके हैं कि भर्तियों की रफ्तार तेज की जाए, फिर भी कामकाज का ढर्रा नहीं बदल रहा है।1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का प्रकरण अधिक चर्चा में है। पूर्व परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने 22 अगस्त को विज्ञप्ति जारी करके आश्वस्त किया था परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने जा रहे हैं, यदि त्रुटि से अभ्यर्थी फेल हुए हैं तो उन्हें शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा। इसका एक माह बीत रहा है, अब तक संशोधित रिजल्ट जारी नहीं हुआ है और न ही शासन के निर्देश पर इस मामले की एक सप्ताह में जांच ही पूरी हो सकी है। रिजल्ट कब आएगा और जांच कब तक पूरी होगी, संबंधित अफसर इस पर बोलने को तैयार नहीं है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक 2016 की लिखित परीक्षा की तस्वीर साफ नहीं है। जिन आठ विषयों का विज्ञापन निरस्त हुआ, उन अभ्यर्थियों से बिना अर्हता में बदलाव किए दूसरे विषय के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अभ्यर्थी इसको लेकर परेशान हैं। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की लिखित परीक्षा का कार्यक्रम मंगलवार को जारी किया है, क्योंकि सोमवार को ही उग्र आंदोलन हुआ था। ऐसे ही उप्र लोकसेवा आयोग भी लगातार रिजल्ट जारी कर रहा है लेकिन, तमाम अहम परीक्षा परिणाम अब भी अधर में हैं। इसको लेकर भी आंदोलन छिड़ चुका है।