*टीईटी -2017 की विवादास्पद परिणाम की समीक्षा*
जैसा कि तत्कालीन पीएनपी अध्यक्ष महोदया डा. सुक्ता सिंह की हठधर्मिता के कारण टीईटी -2017 तीसरी बार संशोधित परिणाम निकलने की स्थिति में आ चुका है, यदि सभी विवादित प्रश्न को पुनः कोर्ट ने हटाने का
आदेश दे दिये तो
निश्चित ही परिणाम आने से, जो उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर 41556 भर्ती में
चयनित है, उनके लिए समास्या उत्पन्न होना सुनिश्चित हैं, उक्त परिस्थिति
में योगी सरकार यदि पुनः कोर्ट में होने वाली सुनवाई में सभी प्रश्नों पर
ग्रेस मार्क देने के लिए कोर्ट में तैयार हो जाए तो निश्चित ही पास होने
वाले फेल होने से बच जाएंगे और जो पास होने के करीब अंक प्राप्त किये है,
वह भी पास हो जाएंगे, इससे सदैव के लिए टीईटी -2017 का विवाद भी समाप्त हो
जाएगा, और योगी सरकार की उक्त नेक कार्य की प्रशंसा भी होगी, जो फेल से पास
हो जाएंगे, उससे योगी सरकार पर कोई न तो अधिभार पड़ने वाला नहीं है, जैसा
कि यह एक अर्हताकारी परीक्षा है ,न कि कोई चयन के आधार वाली परीक्षा है,
फिर भी इतना बड़ा इश्यू सरकार बना रही हैं, जिस कारण से सभी प्रभावित
अभ्यर्थी चिंतित व परेशान है*जैसा कि तत्कालीन पीएनपी अध्यक्ष महोदया डा. सुक्ता सिंह की हठधर्मिता के कारण टीईटी -2017 तीसरी बार संशोधित परिणाम निकलने की स्थिति में आ चुका है, यदि सभी विवादित प्रश्न को पुनः कोर्ट ने हटाने का
*बहरहाल अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, पुनः टीईटी -2017 की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में गठित स्पेशल पीठ के माध्यम से सम्भवतः दिवाली बाद सुनवाई हो सकती हैं, जिसमें इस बार सभी को न्याय मिलने की पूरी सम्भावना है।