इसमें शिक्षकों की पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई, जीपीएफ भुगतान व अर्जित अवकाश नकदीकरण के लिए विस्तृत नियम बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में 560 अनुदानित मदरसे हैं। यहां पर करीब नौ हजार शिक्षक पढ़ाते हैं। मदरसों में शिक्षणोत्तर कर्मचारी भी कार्यरत हैं। इस समय मदरसों के लिए उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा नियमावली 2016 लागू है। इसमें कई बिंदु स्पष्ट न होने के कारण मदरसा प्रबंधक मनमानी करते हैं।
चुनावी वर्ष में सरकार मदरसा शिक्षकों को इसी शोषण से मुक्त कराने जा रही है। इसमें सहायक अध्यापक भर्ती के लिए न्यूनतम अर्हता के मानक तय किए जा रहे हैं। आलिया के लिए पहले स्नातकोत्तर में 50 फीसद अंकों की अर्हता थी। इसे बढ़ाकर 55 फीसद किया जा रहा है। आलिम, कामिल व फाजिल के लिए भी अर्हता तय की जा रही है। नियमावली शीघ्र कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। 1अनुशासनिक कार्रवाई के लिए भी विस्तृत नियम : मदरसा शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए भी विस्तृत नियम बनाए गए हैं। अब निलंबन ऐसे आरोपों में किया जाएगा जिसके आधार पर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। हालांकि यह निलंबन तब तक नहीं होगा जब तक बिना निलंबन जांच संभव न हो। स्पष्ट आरोप पत्र देने के बाद ही अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। 60 दिन के भीतर आरोप पत्र नहीं मिलता है तो निलंबन अपने आप समाप्त हो जाएगा।1पदोन्नति भी होगी आसान : अभी तक प्रमोशन के लिए भी कोई नियम नहीं हैं। सरकार इनके प्रमोशन के भी नियम बना रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कनिष्ठ सहायक बन सकेंगे। कनिष्ठ सहायक यदि अर्हता रखते हैं तो उन्हें सहायक अध्यापक बनाया जा सकेगा। इसी प्रकार सहायक अध्यापक का भी प्रमोशन हो सकेगा। प्रधानाचार्य का पद भी एक बार सीधी भर्ती व दूसरी बार प्रमोशन से भरा जाएगा।