प्रयागराज : बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार अभिलेखों
में हेराफेरी करके शिक्षक पद पर चयनित होने वालों पर एफआइआर दर्ज कराने का
आदेश दे चुके हैं और लगातार जिलों से रिपोर्ट मांग रहे हैं। इसके बावजूद
बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी कार्यशैली बदलने को तैयार नहीं है।
कई जिलों में
बीएसए पुराने प्रकरणों की जांच में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वहीं,
नवनियुक्त शिक्षकों को अभिलेखों के सत्यापन के बिना ही वेतन भुगतान के आदेश
जारी कर दिए थे, जो कि बेसिक शिक्षा निदेशक के अभिलेखों के सत्यापन के बाद
वेतन भुगतान के निर्देशों के बाद वापस लिया गया है।
शिक्षा विभाग की पिछली भर्तियों में कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें कुछ
जालसाजों ने फर्जी अभिलेखों के जरिए नियुक्ति पा ली थी, जिन पर सत्यापन के
दौरान मामला खुलने के बाद कार्रवाई की गई, इन मामलों में कुछ बीएसए भी
कार्रवाई हुई। इसके बावजूद महकमे के अधिकारी पुराने मामलों से सबक नहीं ले
रहे। 1दो माह पहले बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक
अध्यापक भर्ती चयन के तहत करीब 40 हजार से अधिक शिक्षकों की विभिन्न जिलों
में तैनाती हुई है। जिन्हें अभिलेखों की सत्यापन प्रक्रिया लंबित होने के
चलते वेतन भुगतान अब तक नहीं शुरू हो सका है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा
निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने 25 अक्टूबर को सभी बीएसए को
निर्देश दिया कि अभिलेखों का सत्यापन तेजी से कराकर नवनियुक्त शिक्षकों को
वेतन भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाए।
कन्नौज की बीएसए दीपिका चतुर्वेदी व फैजाबाद की डा. अमिता सिंह ने खंड
शिक्षा अधिकारियों को नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान करने के निर्देश
जारी कर दिए थे। जिसे बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह
के अभिलेख सत्यापन संबंधी निर्देश के बाद दोनों अफसरों ने निरस्त करने व
अभिलेख सत्यापन कार्य में तेजी लाने को कहा है। प्रशिक्षु शिक्षकों की
मानें तो इस तरह का आदेश कई और जिलों में भी जारी हुआ था, जो बाद में वापस
लिया गया है।
0 Comments