प्रयागराज : 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में व्यापक रूप से हुई गड़बड़ी
के खिलाफ मुहिम चलाने वाले
अभ्यर्थी निष्पक्षता से जांच और उत्तीर्ण पाए जाने पर जल्द नियुक्ति चाहते हैं। उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तीर्ण होने के बावजूद अब तक नियुक्ति न मिलने व राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई स्पष्ट शासनादेश जारी न होने से वे निराश हैं। आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं। वह कहते हैं कि सरकार के निर्देशों का अफसर अनुपालन नहीं कर रहे हैं। उत्तर पुस्तिका में कटऑफ से अधिक नंबर होने के बावजूद परिणाम में फेल घोषित किए गए अंबेडकर नगर के अंकित वर्मा को बड़ी मशक्कत से चयनित घोषित किया गया। कुछ यही दास्तां टांडा निवासी मोहम्मद अजमल व मनोज कुमार की भी है। इन अभ्यर्थियों की मानें तो चयनित घोषित होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति से दूर रखा गया है यह उनके साथ मजाक नहीं तो क्या है? अंकित का कहना है कि आंदोलन को थामने के लिए सरकार को ऐसे सभी अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति देनी होगी और उत्तर पुस्तिकाओं का पुनमरूल्यांकन ऐसा कराया जाए जिसके बाद अभ्यर्थियों को लगे कि उनके साथ फिर कोई अन्याय नहीं हुआ है। मोहम्मद अजमल व मनोज कुमार के अनुसार भर्ती साफ सुथरी होने या न होने के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बस्ती जिले के निवासी अभ्यर्थी विशाल प्रताप का कहना है कि परीक्षकों की कारस्तानी से प्रभावित योग्य अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण होने के आधार पर नौकरी चाहिए, इससे अधिक कुछ नहीं।
अभ्यर्थी निष्पक्षता से जांच और उत्तीर्ण पाए जाने पर जल्द नियुक्ति चाहते हैं। उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तीर्ण होने के बावजूद अब तक नियुक्ति न मिलने व राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई स्पष्ट शासनादेश जारी न होने से वे निराश हैं। आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं। वह कहते हैं कि सरकार के निर्देशों का अफसर अनुपालन नहीं कर रहे हैं। उत्तर पुस्तिका में कटऑफ से अधिक नंबर होने के बावजूद परिणाम में फेल घोषित किए गए अंबेडकर नगर के अंकित वर्मा को बड़ी मशक्कत से चयनित घोषित किया गया। कुछ यही दास्तां टांडा निवासी मोहम्मद अजमल व मनोज कुमार की भी है। इन अभ्यर्थियों की मानें तो चयनित घोषित होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति से दूर रखा गया है यह उनके साथ मजाक नहीं तो क्या है? अंकित का कहना है कि आंदोलन को थामने के लिए सरकार को ऐसे सभी अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति देनी होगी और उत्तर पुस्तिकाओं का पुनमरूल्यांकन ऐसा कराया जाए जिसके बाद अभ्यर्थियों को लगे कि उनके साथ फिर कोई अन्याय नहीं हुआ है। मोहम्मद अजमल व मनोज कुमार के अनुसार भर्ती साफ सुथरी होने या न होने के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बस्ती जिले के निवासी अभ्यर्थी विशाल प्रताप का कहना है कि परीक्षकों की कारस्तानी से प्रभावित योग्य अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण होने के आधार पर नौकरी चाहिए, इससे अधिक कुछ नहीं।