लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती
परीक्षा के बाद अब सिविल कोर्ट स्टाफ परीक्षा में सॉल्वर गिरोह पकड़ा गया
है। एसटीएफ ने लखनऊ और कानपुर में पांच अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर
छापेमारी कर सरगना समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें परीक्षा
दे रहे सॉल्वर के अलावा अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सिविल कोर्ट स्टाफ के केंद्रीकृत भर्ती 2018-19 ग्रुप डी की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। रविवार को एसटीएफ ने लखनऊ के बाल निकुंज इंटर कॉलेज मड़ियांव से डूगरपुर, भरतपुर मुरादाबाद निवासी विनीत सिंह के स्थान पर परीक्षा दे रहे परवलपुर नालंदा, बिहार निवासी अविनाश कुमार को दबोच लिया। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना बिहार निवासी दिवाकर सिंह, पुष्पक कुमार और भरतपुर मुरादाबाद निवासी सुचित यादव को भी गिरफ्तार किया है।
वहीं, क्वींस एएस इंटर कॉलेज लालबाग से प्रयागराज निवासी प्रवीण कुमार के साथ बिहार निवासी सॉल्वर अंकित और एक्सान मांटेसरी गल्र्स डिग्री कॉलेज राजाजीपुरम से अभ्यर्थी चंद्रकांत की जगह परीक्षा दे रहे बिहार के विकास कुमार वैश्य को पकड़ा गया। आरोपितों के पास से जाली आधार कार्ड, वोटर कार्ड और सात मोबाइल फोन मिले हैं।
लखनऊ पहुंची मथुरा पुलिसलखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज में प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान मथुरा पुलिस ने राजधानी पुलिस के सहयोग से बिहार के अमित को गिरफ्तार कर लिया। वह मथुरा निवासी रोशन लाल के बेटे अमित सागर की जगह परीक्षा दे रहा था।
उधर, एसटीएफ ने कानपुर में फरुखाबाद निवासी कुलदीप यादव के स्थान पर परीक्षा में बैठे सॉल्वर कन्नौज निवासी अभिनव यादव और कन्नौज निवासी अवनीश यादव की जगह परीक्षा दे रहे कन्नौज के ही आदित्य यादव को दबोच लिया। दोनों आरोपितों को परीक्षा में बिठाने वाले गिरोह के सरगना छिबरामऊ निवासी राहुल यादव भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेता था सरगनाएएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव के मुताबिक कानपुर में गिरोह के सरगना राहुल ने बताया कि प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेकर सॉल्वर उपलब्ध कराता था। दोनों अभ्यर्थियों से एडवांस में दो-दो लाख रुपये लिए थे। दोनों सॉल्वर को उसने एक-एक लाख रुपये भी दिए थे।
मेरठ में एक गिरफ्तार, प्रश्नपत्र लीक होने की आशंकाहाईकोर्ट की ग्रुप-सी क्लेरिकल कैडर की द्वितीय पाली की परीक्षा में नकल करने के आरोप में एक अभ्यर्थी विभोर कुमार गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल से मिली चार आंसर शीट पर कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका है। हालांकि, एसटीएफ की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि वायरल की गई आंसर शीट फर्जी है।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सिविल कोर्ट स्टाफ के केंद्रीकृत भर्ती 2018-19 ग्रुप डी की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। रविवार को एसटीएफ ने लखनऊ के बाल निकुंज इंटर कॉलेज मड़ियांव से डूगरपुर, भरतपुर मुरादाबाद निवासी विनीत सिंह के स्थान पर परीक्षा दे रहे परवलपुर नालंदा, बिहार निवासी अविनाश कुमार को दबोच लिया। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना बिहार निवासी दिवाकर सिंह, पुष्पक कुमार और भरतपुर मुरादाबाद निवासी सुचित यादव को भी गिरफ्तार किया है।
वहीं, क्वींस एएस इंटर कॉलेज लालबाग से प्रयागराज निवासी प्रवीण कुमार के साथ बिहार निवासी सॉल्वर अंकित और एक्सान मांटेसरी गल्र्स डिग्री कॉलेज राजाजीपुरम से अभ्यर्थी चंद्रकांत की जगह परीक्षा दे रहे बिहार के विकास कुमार वैश्य को पकड़ा गया। आरोपितों के पास से जाली आधार कार्ड, वोटर कार्ड और सात मोबाइल फोन मिले हैं।
लखनऊ पहुंची मथुरा पुलिसलखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज में प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान मथुरा पुलिस ने राजधानी पुलिस के सहयोग से बिहार के अमित को गिरफ्तार कर लिया। वह मथुरा निवासी रोशन लाल के बेटे अमित सागर की जगह परीक्षा दे रहा था।
उधर, एसटीएफ ने कानपुर में फरुखाबाद निवासी कुलदीप यादव के स्थान पर परीक्षा में बैठे सॉल्वर कन्नौज निवासी अभिनव यादव और कन्नौज निवासी अवनीश यादव की जगह परीक्षा दे रहे कन्नौज के ही आदित्य यादव को दबोच लिया। दोनों आरोपितों को परीक्षा में बिठाने वाले गिरोह के सरगना छिबरामऊ निवासी राहुल यादव भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेता था सरगनाएएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव के मुताबिक कानपुर में गिरोह के सरगना राहुल ने बताया कि प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेकर सॉल्वर उपलब्ध कराता था। दोनों अभ्यर्थियों से एडवांस में दो-दो लाख रुपये लिए थे। दोनों सॉल्वर को उसने एक-एक लाख रुपये भी दिए थे।
मेरठ में एक गिरफ्तार, प्रश्नपत्र लीक होने की आशंकाहाईकोर्ट की ग्रुप-सी क्लेरिकल कैडर की द्वितीय पाली की परीक्षा में नकल करने के आरोप में एक अभ्यर्थी विभोर कुमार गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल से मिली चार आंसर शीट पर कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका है। हालांकि, एसटीएफ की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि वायरल की गई आंसर शीट फर्जी है।