उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई
कई भर्ती प्रक्रियाओं में विसंगतियां होने के कारण परिणाम जारी करने में
रोक लगने का सिलसिला जारी है।
प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए हुई छह जनवरी की परीक्षा परिणामों को घोषित करने पर 28 जनवरी तक रोक रहेगी। सोमवार को लगभग दो घंटे चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए हुई छह जनवरी की परीक्षा परिणामों को घोषित करने पर 28 जनवरी तक रोक रहेगी। सोमवार को लगभग दो घंटे चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
सहायक
शिक्षकों के 69 हजार पदों पर होने वाली भर्ती के लिए सामान्य वर्ग में 65
और आरक्षित वर्ग में 60 फीसदी अंक पाने वाले अभ्यर्थी ही क्वालिफाई मानें
जाएंगे जो शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह कटऑफ 2018 की शिक्षक
भर्ती के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है। 2018 की शिक्षक भर्ती परीक्षा में 40
और 45 फीसदी कटऑफ अंक रखे गए थे।
याचियों
के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल
अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग
मार्क्स को चुनौती दी गई। उन्होंने बताया कि सात जनवरी को राज्य सरकार ने
जनरल कैटेगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के
लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की है।
याचिकाओं
में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं
की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं
है। छह जनवरी को लिखित परीक्षा हो गई। जिसके बाद सरकार ने नियमों में
परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिए जबकि यह तय सिद्धांत है
कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में परिवर्तन नहीं किया
जा सकता है। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। राज्य सरकार के
वकील सुनवाई के दौरान इस तर्क का जवाब नहीं दे सके कि पूर्व में हुई सहायक
शिक्षक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिशत 45 व 40 प्रतिशत तय किया गया था
तो इस बार लिखित परीक्षा के बाद सात जनवरी को अचानक 65 व 60 प्रतिशत क्यों
तय कर दिया गया।
याचियों
की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा, एचजीएस परिहार, उपेंद्र मिश्रा आदि
हाजिर हुए। जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश
सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।
बिना कोर्ट के आदेश के नहीं पूरी हो रही शिक्षक भर्ती
परिषदीय
स्कूलों की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की पहले लिखित परीक्षा और अब
परिणाम हाईकोर्ट के आदेश के अधीन है। परीक्षा के ठीक एक दिन पहले ही यह तय
हो सका कि परीक्षा तय तारीख पर होगी। परीक्षा परिणाम के एक दिन पहले यह तय
होगा कि रिजल्ट में उत्तीर्ण प्रतिशत क्या होगा। बेसिक शिक्षा परिषद की 68
हजार 500 और 69 हजार शिक्षक भर्ती बिना कोर्ट के आदेश के पूरी नहीं हो पा
रही है।