जौनपुर: प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी अब अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी। योगी सरकार प्राथमिक स्कूलों में सार्थक परिणाम देख यह निर्णय लिया है। प्रयोग के तौर पर नए शिक्षण सत्र में हर विकास खंड के एक-एक स्कूलों को लिया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ जनपद के 110 और स्कूलों इंग्लिश मीडियम शिक्षा की सुविधा होगी।
प्रदेश सरकार मुफलिसी के कारण अपने नौनिहालों को अच्छी शिक्षा न दे पाने वाले गरीब-गुरबों का सपना पूरा कर रही है। ऐसे नौनिहालों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। जनपद के 132 स्कूलों में यह सुविधा मिल रही थी। अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक, दो व तीन में शिक्षण कार्य अंग्रेजी माध्यम व कक्षा चार व पांच में द्विभाषा (अंग्रेजी व ¨हदी) माध्यम से पहले साल शिक्षा दी गई। इन स्कूलों के लिए अलग से किताबों का भी प्रकाश किया गया।
प्रयोग सफल होता देख सरकार जूनियर हाईस्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की योजना बना रही है। प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लाक के एक-एक स्कूलों को लिया जाएगा। इसके अलावा हर विकास खंड में पांच-पांच और अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय होंगे। यह है शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया
अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का चयन समिति द्वारा करने की प्रक्रिया है। समिति में डायट प्राचार्य अध्यक्ष, राजकीय इंटर कालेज के अंग्रेजी प्रवक्ता, अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ सदस्य और बीएसए सचिव होंगे। समिति द्वारा चयन हेतु 50 अंक की लिखित परीक्षा तथा 50 अंक की व्यक्तित्व परीक्षा ली जाएगी। चयनित शिक्षकों का डायट पर पांच-पांच दिन का दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जाता है। पहले साल शिक्षकों के न मिलने के कारण मजबूरी में इच्छुक व योग्य शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से हटकर की गई। उच्च प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का अभी आदेश नहीं आया है। उच्चाधिकारियों ने बैठक में मौखिक तौर पर प्रत्येक विकास खंड के एक-एक जूनियर स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम करने और पांच-पाच और प्राथमिक स्कूल चयनित करने को कहा है। शासनादेश आने पर स्कूलों का चयन कर नए शिक्षण सत्र में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।
डा.राजेंद्र प्रसाद ¨सिंह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
वहीं दूसरी तरफ जनपद के 110 और स्कूलों इंग्लिश मीडियम शिक्षा की सुविधा होगी।
प्रदेश सरकार मुफलिसी के कारण अपने नौनिहालों को अच्छी शिक्षा न दे पाने वाले गरीब-गुरबों का सपना पूरा कर रही है। ऐसे नौनिहालों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। जनपद के 132 स्कूलों में यह सुविधा मिल रही थी। अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक, दो व तीन में शिक्षण कार्य अंग्रेजी माध्यम व कक्षा चार व पांच में द्विभाषा (अंग्रेजी व ¨हदी) माध्यम से पहले साल शिक्षा दी गई। इन स्कूलों के लिए अलग से किताबों का भी प्रकाश किया गया।
प्रयोग सफल होता देख सरकार जूनियर हाईस्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की योजना बना रही है। प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लाक के एक-एक स्कूलों को लिया जाएगा। इसके अलावा हर विकास खंड में पांच-पांच और अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय होंगे। यह है शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया
अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का चयन समिति द्वारा करने की प्रक्रिया है। समिति में डायट प्राचार्य अध्यक्ष, राजकीय इंटर कालेज के अंग्रेजी प्रवक्ता, अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ सदस्य और बीएसए सचिव होंगे। समिति द्वारा चयन हेतु 50 अंक की लिखित परीक्षा तथा 50 अंक की व्यक्तित्व परीक्षा ली जाएगी। चयनित शिक्षकों का डायट पर पांच-पांच दिन का दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जाता है। पहले साल शिक्षकों के न मिलने के कारण मजबूरी में इच्छुक व योग्य शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से हटकर की गई। उच्च प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का अभी आदेश नहीं आया है। उच्चाधिकारियों ने बैठक में मौखिक तौर पर प्रत्येक विकास खंड के एक-एक जूनियर स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम करने और पांच-पाच और प्राथमिक स्कूल चयनित करने को कहा है। शासनादेश आने पर स्कूलों का चयन कर नए शिक्षण सत्र में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।
डा.राजेंद्र प्रसाद ¨सिंह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी