Meerut. सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया विभाग के लिए परेशानी का सबब
है. इस बकाये की वसूली के लिए बिजली विभाग की कवायद फेल साबित हो रही है.
इस समस्या से निपटने के लिए अब सरकारी विभागों में प्री पेड मीटर लगाए
जाएंगे. यानि जितना रिचार्ज होगा उतनी बिजली ही विभागों को मिलेगी. इससे
बकाए से निजात मिलेगी.
ये है स्थिति
15 नवंबर से सरकारी विभागों में शुरू होगा प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान
123 करोड़ का बिल बकाया वसूलना है पीवीवीएनएल को सरकारी विभागों से
528 करोड़ का बिल बकाया है नलकूप का जोन में
100 करोड़ रुपये का बकाया है स्ट्रीट लाइट का
30 हजार उपभोक्ताओं पर बिजली बिल बकाया है मेरठ जिले में
102 करोड़ रुपये का बकाया है इन उपभोक्ताओं पर
8 करोड़ का बकाया है मेरठ के सरकारी विभागों पर
विभाग बकाया लाख में
पुलिस 368
नगर निगम 168
मंडलायुक्त कार्यालय 56
वन विभाग 3
मिलट्री फार्म 15
सीएमओ 3
मेडिकल कॉलेज 0.6
जिला अस्पताल 60
शिक्षा विभाग 14
प्रदेश स्तर पर करोड़ रुपए का बिल केवल सरकारी विभाग पर बकाया है. इस समस्या के निस्तारण के लिए प्री पेड मीटर लगाने की योजना बनाई गई है. 15 नवंबर से यह अभियान शुरु होगा.
एके पाठक, एसई
ये है स्थिति
15 नवंबर से सरकारी विभागों में शुरू होगा प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान
123 करोड़ का बिल बकाया वसूलना है पीवीवीएनएल को सरकारी विभागों से
528 करोड़ का बिल बकाया है नलकूप का जोन में
100 करोड़ रुपये का बकाया है स्ट्रीट लाइट का
30 हजार उपभोक्ताओं पर बिजली बिल बकाया है मेरठ जिले में
102 करोड़ रुपये का बकाया है इन उपभोक्ताओं पर
8 करोड़ का बकाया है मेरठ के सरकारी विभागों पर
विभाग बकाया लाख में
पुलिस 368
नगर निगम 168
मंडलायुक्त कार्यालय 56
वन विभाग 3
मिलट्री फार्म 15
सीएमओ 3
मेडिकल कॉलेज 0.6
जिला अस्पताल 60
शिक्षा विभाग 14
प्रदेश स्तर पर करोड़ रुपए का बिल केवल सरकारी विभाग पर बकाया है. इस समस्या के निस्तारण के लिए प्री पेड मीटर लगाने की योजना बनाई गई है. 15 नवंबर से यह अभियान शुरु होगा.
एके पाठक, एसई