बस्ती : महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज बस्ती में नौकरी की उम्मीद पाल
पंजीकरण कराने वाले 3500 अभ्यर्थियों के सपने टूट गए हैं। 590 रुपये खर्च
कर अर्जी देने वाले बेरोजगारों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है।
डाक्यूमेंट प्रोसेसिग व जीएसटी के नाम पर एजेंसी ने अभ्यर्थियों से 2.65
लाख रुपये वसूले।
मेडिकल कालेज में आउटसोर्स से 175 पदों पर भर्ती होनी है। नर्सिंग समेत लैब टेक्निशियन, वार्ड ब्वाय आदि पद शामिल हैं। 10 अगस्त तक जनपद समेत आसपास जिलों के 3500 अभ्यर्थियों ने 590 रुपये खर्च कर अर्जियां दी। चयन प्रक्रिया शुरू हुई। कुछ लोगों को मेडिकल कालेज में काम करने के लिए भेजा भी, इसी बीच माननीय का एक लेटर बम पूरी प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया। मामला लखनऊ तक पहुंचा। शिकायत कर भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने व एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड करने की मांग उठी। जांच शुरू हुई, जिसमें एजेंसी की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया को गलत बताया। शासन ने शिकायत कर्ताओं से गवाही देने का वक्त दिया लेकिन, शिकायतकर्ता गवाही नहीं दिए। शासन ने पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण एजेंसी को जीवनदान देते हुए ब्लैकलिस्टेड नहीं किया। हालांकि, भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया और चिकित्सा शिक्षा विभाग से नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेशित किया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. नवनीत कुमार ने कहा कि शासन ने जांच रिपोर्ट में एजेंसी के नियुक्ति प्रक्रिया को गलत बताते हुए भर्ती को रद्द कर दिया है। नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने अभ्यर्थियों से वसूले गए पैसे को वापस करने के निर्देश दिए हैं। इस बार आवेदन निश्शुल्क रहेगा।
मेडिकल कालेज में आउटसोर्स से 175 पदों पर भर्ती होनी है। नर्सिंग समेत लैब टेक्निशियन, वार्ड ब्वाय आदि पद शामिल हैं। 10 अगस्त तक जनपद समेत आसपास जिलों के 3500 अभ्यर्थियों ने 590 रुपये खर्च कर अर्जियां दी। चयन प्रक्रिया शुरू हुई। कुछ लोगों को मेडिकल कालेज में काम करने के लिए भेजा भी, इसी बीच माननीय का एक लेटर बम पूरी प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया। मामला लखनऊ तक पहुंचा। शिकायत कर भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने व एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड करने की मांग उठी। जांच शुरू हुई, जिसमें एजेंसी की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया को गलत बताया। शासन ने शिकायत कर्ताओं से गवाही देने का वक्त दिया लेकिन, शिकायतकर्ता गवाही नहीं दिए। शासन ने पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण एजेंसी को जीवनदान देते हुए ब्लैकलिस्टेड नहीं किया। हालांकि, भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया और चिकित्सा शिक्षा विभाग से नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेशित किया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. नवनीत कुमार ने कहा कि शासन ने जांच रिपोर्ट में एजेंसी के नियुक्ति प्रक्रिया को गलत बताते हुए भर्ती को रद्द कर दिया है। नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने अभ्यर्थियों से वसूले गए पैसे को वापस करने के निर्देश दिए हैं। इस बार आवेदन निश्शुल्क रहेगा।