लखनऊ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों
की 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में बीटीसी अभ्यर्थियों ने
सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है। अभ्यर्थियों ने यह कदम
शिक्षामित्रों के शीर्ष कोर्ट में हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को चुनौती
देने के अल्टीमेटम के बाद उठाया गया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि
शिक्षामित्रों के संबंध में कोई भी आदेश देने से पहले उन्हें भी सुना जाए।
असल में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षक भर्ती में शासन की ओर से जारी कटऑफ अंक पर मुहर लगा दी है। इस कटऑफ अंक को चुनौती देने वाले खासकर शिक्षामित्र निर्णय से आहत हैं और उन्होंने आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने भी गुरुवार को कहा था कि सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग एहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करेगा। कैविएट दाखिल कर राज्य सरकार की ओर से यह अनुरोध किया जाएगा कि उसका पक्ष सुने बिना शीर्ष अदालत कोई निर्णय न करे। उससे पहले ही सर्वेश सिंह आदि ने कैविएट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में सरकार की ओर से तय किए गए उत्तीर्ण अंक को शिक्षामित्रों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में अंततोगत्वा हाई कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आया है। लिहाजा शिक्षामित्रों की ओर से यह कहा गया है कि वे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
असल में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षक भर्ती में शासन की ओर से जारी कटऑफ अंक पर मुहर लगा दी है। इस कटऑफ अंक को चुनौती देने वाले खासकर शिक्षामित्र निर्णय से आहत हैं और उन्होंने आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने भी गुरुवार को कहा था कि सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग एहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करेगा। कैविएट दाखिल कर राज्य सरकार की ओर से यह अनुरोध किया जाएगा कि उसका पक्ष सुने बिना शीर्ष अदालत कोई निर्णय न करे। उससे पहले ही सर्वेश सिंह आदि ने कैविएट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में सरकार की ओर से तय किए गए उत्तीर्ण अंक को शिक्षामित्रों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में अंततोगत्वा हाई कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आया है। लिहाजा शिक्षामित्रों की ओर से यह कहा गया है कि वे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।