Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

तदर्थ शिक्षक नियुक्ति मामले में सूबे के 33 डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, एक पद की कीमत 10-15 लाख

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति के कायदे- कानून दरकिनार कर 499 तदर्थ
शिक्षकों की नियुक्ति में मदद करने वाले 33 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों पर गाज गिरने जा रही है। पिछले दो दशकों में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने स्कूल प्रबंधकों के साथ सांठगांठ कर नियुक्ति में खेल किया है। डीआई ओएस ने खाली पदों की सूचना या तो उत्तर

प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डको नहीं भेजी या भेजने में देरी की ताकि प्रबंधक तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति कर बाद में उन्हें नियमित कर सकें।


. कुछ डीआईओएस ऐसे भी रहे जिन्होंने चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने पर शासन गंभीर हुआ है। इस अनियमितता के लिए दोषी डीआईओएस की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेन्द्र देव ने 6 मई को मेरठ, सहारनपुर, बरेली, आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, लखनऊ, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन, चित्रकूट, झांसी, कानपुर, वाराणसी और आजमगढ़ मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे पत्र में दोषी डीआईओएस की सूचना
मांगी है।
 प्रयागराजमें खूब हुई मनमानीः सहायता
प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों
की अनियमित नियुक्ति में कुल 33
जिलों में मनमानी हुई है। माध्यमिक
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार
499 अनियमित नियुक्तियां हुईं। इनमें
गोंडा 113, सुल्तानपुर 94, रायबरेली
53, प्रयागराज 40, बस्ती 33,
लखनऊ 31 टॉप पर हैं। जालौन 27,
बांदा वगाजीपुर 13-13, कानपुर नगर,
मथुरा व फर्रुखाबाद 8-8 नियुक्तियां
कर दी गई।

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates