हाई कोर्ट डबल बेंच से जीत हो ही चुकी है। आगे शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट की तयारी में लग ही गए हैं वहां भी उन्हें देखा ही जाएगा। सरकारी भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर रही है यहां तक तो सब ठीक है अब सवाल यह है कि मेरिट में जगह कैसे बनाई जाए जिसमें सभी को लाभ मिले।
मुख्य प्रश्न यह है कि पुराने बी एड साथी जो काफी पहले हाई स्कूल और इंटर किए है उनकी एकेडमिक और नए साथी जो बर्तमान के ही है उनकी एकेडमिक में काफी अंतर है और यह एकेडमिक अंतर सिस्टम कि बजह से है जिसके द्वारा मार्क्स स्केलिंग को चेंज किया गया।।क्या में गलत हूं? और अगर में सही हूं तो सरकार को कोई ना कोई ऐसा रास्ता जरूर निकालना चाहिए जिससे पुराने एकेडमिक और नए एकेडमिक के अंतर को पाट सकें।।
मुख्य प्रश्न यह है कि पुराने बी एड साथी जो काफी पहले हाई स्कूल और इंटर किए है उनकी एकेडमिक और नए साथी जो बर्तमान के ही है उनकी एकेडमिक में काफी अंतर है और यह एकेडमिक अंतर सिस्टम कि बजह से है जिसके द्वारा मार्क्स स्केलिंग को चेंज किया गया।।क्या में गलत हूं? और अगर में सही हूं तो सरकार को कोई ना कोई ऐसा रास्ता जरूर निकालना चाहिए जिससे पुराने एकेडमिक और नए एकेडमिक के अंतर को पाट सकें।।