आगरा विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने वाले 22 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया

बर्खास्तगी आदेश के बाद इन शिक्षकों के बैंक के वेतन खातों पर भी रोक लगा दी गई । शिक्षकों के खातों में लाखों रुपए डंप हैं। डा. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में 2004-05 सत्र में बीएड की डिग्री के सहारे 51 शिक्षकों ने जिले में नौकरी हासिल कर ली थी। एसआईटी ने मामले की जांच की तो उनकी डिग्रियां फर्जी पाई गयी। एसआईटी की जांच पर तत्कालीन बीएसए ने 51 शिक्षक शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया था । बर्खास्तगी आदेश के विरुद्घ शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद शिक्षकों ने फिर से अपने स्कूलों में ज्वाइन करके वेतन भुगतान कराया ।


कोर्ट के आदेश पर 22 शिक्षकों की डिग्रियों को फर्जी घोषित कर दिया गया था। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 22 शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारियों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ थानों में एफआईआर कराने के निर्देश दिए थे। जो अभी तक नहीं हो पाई है।


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बैंक प्रबंधक को पत्र भेजकर सभी 22 शिक्षकों के खाते में आहरण पर रोक लगाने को पत्र भेज दिया है। बीएसए ने बताया कि सभी फर्जी शिक्षक शिक्षिकाओं के खातों पर रोक लगाने के लिए शाखा प्रबंधकों को पत्र भेज दिया गया है । अब फर्जी शिक्षक शिक्षिकाएं अपने खातों में पड़े धन को निकाल नहीं पाएंगे।