लर्निंग आउटकम के रिजल्ट इस बार पिछली बार से थोड़े-ही बेहतर दिख रहे हैं। इस परीक्षा में 62 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिन्हें 60 फीसदी से ज्यादा नंबर मिले हैं।
दिसम्बर में हुई परीक्षा में लगभग 59 फीसदी बच्चों ने 60 फीसदी से ज्यादा नंबर प्राप्त किए थे। हालांकि इस बार ए प्लस श्रेणी में बच्चों की संख्या काफी कम रही।
दिसंबर में जारी रिजल्ट में ई ग्रेड में सबसे ज्यादा बच्चों वाले टॉप टेन जिलों में लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, गौतमबुद्ध नगर और सोनभद्र इस बार भी इस सूची में शामिल हैं। यानी यहां सुधारात्मक कदमों का असर तो हुआ लेकिन इतना नहीं कि ये बच्चे सी ग्रेड में जा सके। इस बार ए प्लस श्रेणी में भी गिरावट दिख रही है। बीते रिजल्ट में जहां 18 फीसदी बच्चे एक प्लस में आए थे, वहीं इस बार ये आंकड़ा 5 फीसदी पर सिमट गया है। सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के लगभग एक करोड़ बच्चों ने लर्निंग आउटकम की परीक्षा फरवरी में दी थी। लर्निंग आउटकम के लिए सरकार ने तय कर दिया है कि हर कक्षा के बच्चे को न्यूनतम कितना आना चाहिए।
दिसम्बर में हुई परीक्षा में लगभग 59 फीसदी बच्चों ने 60 फीसदी से ज्यादा नंबर प्राप्त किए थे। हालांकि इस बार ए प्लस श्रेणी में बच्चों की संख्या काफी कम रही।
दिसंबर में जारी रिजल्ट में ई ग्रेड में सबसे ज्यादा बच्चों वाले टॉप टेन जिलों में लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, गौतमबुद्ध नगर और सोनभद्र इस बार भी इस सूची में शामिल हैं। यानी यहां सुधारात्मक कदमों का असर तो हुआ लेकिन इतना नहीं कि ये बच्चे सी ग्रेड में जा सके। इस बार ए प्लस श्रेणी में भी गिरावट दिख रही है। बीते रिजल्ट में जहां 18 फीसदी बच्चे एक प्लस में आए थे, वहीं इस बार ये आंकड़ा 5 फीसदी पर सिमट गया है। सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के लगभग एक करोड़ बच्चों ने लर्निंग आउटकम की परीक्षा फरवरी में दी थी। लर्निंग आउटकम के लिए सरकार ने तय कर दिया है कि हर कक्षा के बच्चे को न्यूनतम कितना आना चाहिए।