प्रयागराज। सीबीएसई-आईसीएसई की छूटी परीक्षाओं पर बने गतिरोध के बीच सीबीएसई की ओर से पांच जुलाई को प्रस्तावित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा ( टीईटी) को लेकर संकट खड़ा हो गया है। पांच जुलाई को सीटीईटी के साथ ही 18 से 23 जुलाई के बीच जेईई मेंस, 26 जुलाई को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को लेकर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से यदि सीबीएसई, आईसीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं नहीं हुई तो सरकार के लिए सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट कराना संभव नहीं होगा। सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट जैसी परीक्षाओं में लाखों की संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं, इनका देश के अलग-अलग भागों में केंद्र बनाया जाता है। इसमें शामिल होने हॉटस्पॉट क्षेत्र और कंटेनमेंट जोन के परीक्षार्थी भी आएंगे। ऐसे में परीक्षा में शामिल होने वाले दूसरे परीक्षार्थियों को संक्रमण से बचाना आसान नहीं होगा। जेईई मेंस के बाद 23 अगस्त को जेईई एडवांस की तिथि तय की गई है। इन सभी परीक्षाओं को कराने के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा।
सीबीएसई के लिए सीटीईटी कराना बड़ी चुनौती
सीबीएसई की ओर से पूरे देश में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा कराई जाती है, जिसमें लाखों परीक्षार्थी शामिल होते हैं। अब सीबीएसई यदि दसवीं और बारहवीं की छूटी परीक्षाएं नहीं कराना है तो उसके लिए सीटीईटी कराना कठिन होगा। सीटीईटी के लिए आवेदन करने वाली रमा पांडेय, दिव्या मिश्रा, अनिल कुमार पांडेय सहित उनके अभिभावकों ने भी कोरोना काल में परीक्षा स्थगित करने की मांग की है।