प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में पूरे पद भरे जाने तक काउंसिलिंग कराने की मांग अचयनित अभ्यर्थियों ने की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पदों के सापेक्ष लगभग दोगुना फॉर्म भरे गए हैं। 3 से 6 जून तक कॉउंसिलिंग एक ही चरण में टॉप के केवल 67867 आवेदकों की कराई जानी है। लेकिन इनमें से भी बड़ी संख्या में पद खाली रह जाएंगे।
क्योंकि कुछ अभ्यर्थी ओवरएज हैं, कुछ बीटीसी 2015 के चतुर्थ सेमेस्टर बैक, प्राप्तांक-पूर्णांक में गलती करने वाले, 68500 में चयनित लेकिन मनचाहा जिला न मिलने पर सीट छोड़ने वाले या टेट में फेल होते हुए सीटेट के अंकों के आधार पर जिला विकल्प का फॉर्म भरने वाले हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के कारण सीटें खाली रह जाएंगी।
बीटीसी संयुक्त मोर्चा के सदस्य संजीव त्रिपाठी का कहना है कि इस पदों को बचाने के लिए पूरे 69000 पद भरने तक कॉउंसिलिंग की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि इस भर्ती में 90/97 कटऑफ पर योग्य अभ्यर्थियों की संख्या पदों से दुगनी है।
इस तरह की व्यवस्था से अभ्यर्थियों और सरकार दोनों का फायदा है। सरकार को योग्य शिक्षक अलग से नहीं ढूंढने पड़ेंगे और जिन अभ्यर्थियों ने सरकार के तय मानक पर परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें भी उनकी योग्यता का पद मिल जाएगा।
बीटीसी संयुक्त मोर्चा के संजीव त्रिपाठी, आशुतोष चतुर्वेदी, राज कुंवर दुबे ने लॉकडाउन के कारण इस मांग के संबंध में सरकार को मेल और फोन से अवगत करा दिया है। विश्वास जताया है कि इस पर सरकार अवश्य *ध्यान देगी।
क्योंकि कुछ अभ्यर्थी ओवरएज हैं, कुछ बीटीसी 2015 के चतुर्थ सेमेस्टर बैक, प्राप्तांक-पूर्णांक में गलती करने वाले, 68500 में चयनित लेकिन मनचाहा जिला न मिलने पर सीट छोड़ने वाले या टेट में फेल होते हुए सीटेट के अंकों के आधार पर जिला विकल्प का फॉर्म भरने वाले हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के कारण सीटें खाली रह जाएंगी।
बीटीसी संयुक्त मोर्चा के सदस्य संजीव त्रिपाठी का कहना है कि इस पदों को बचाने के लिए पूरे 69000 पद भरने तक कॉउंसिलिंग की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि इस भर्ती में 90/97 कटऑफ पर योग्य अभ्यर्थियों की संख्या पदों से दुगनी है।
इस तरह की व्यवस्था से अभ्यर्थियों और सरकार दोनों का फायदा है। सरकार को योग्य शिक्षक अलग से नहीं ढूंढने पड़ेंगे और जिन अभ्यर्थियों ने सरकार के तय मानक पर परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें भी उनकी योग्यता का पद मिल जाएगा।
बीटीसी संयुक्त मोर्चा के संजीव त्रिपाठी, आशुतोष चतुर्वेदी, राज कुंवर दुबे ने लॉकडाउन के कारण इस मांग के संबंध में सरकार को मेल और फोन से अवगत करा दिया है। विश्वास जताया है कि इस पर सरकार अवश्य *ध्यान देगी।