यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल जो विद्यार्थी किन्हीं कारणों से प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सके थे, उन्हें एक और मौका दिया गया है। ऐसे विद्यार्थी 9 व 10 जून को प्रैक्टिकल में शामिल हो सकते हैं। सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि 9 व 10 जून को जिला मुख्यालय पर राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में होने वाली प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होने के लिए छूटे विद्यार्थियों को अंतिम अवसर दिया जाएगा। प्रयागराज में इसके लिए राजकीय इंटर कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया है।
ऐसे सभी छात्र-छात्राएं अपने जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क कर मुख्यालय स्तर पर निर्धारित केंद्र पर उपस्थित होकर परीक्षा में सम्मिलित हों। कई विद्यार्थियों की परीक्षा छूट गई थी तो कई अन्य हाईकोर्ट के आदेश पर लिखित परीक्षा में शामिल होने के कारण प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सके थे।
महीने के अंत में परिणाम देने की तैयारी में जुटा बोर्ड
यूपी बोर्ड जून के अंत में 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम देने की तैयारियों में जुट गया है। 9 व 10 जून को इसीलिए प्रैक्टिकल कराया जा रहा है ताकि इनके नंबर भी जोड़ते हुए अंतिम परिणाम घोषित किया जा सके।
यूपी बोर्ड का रिजल्ट जून के अंतिम हफ्ते में आएगा। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन मंगलवार को खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष परीक्षाएं रिकार्ड समय में हाईस्कूल की 12 व इंटरमीडिएट की 15 दिनों में खत्म हो गई लेकिन कोविड महामारी के कारण मूल्यांकन देर से शुरू हुआ। विपरीत परिस्थितियों में भी कम समय में हमने मूल्यांकन खत्म किया। 56,11,072 विद्यार्थियों ने इस बार बोर्ड परीक्षा दी थी।
उन्होंने कहा कि 2020 की परीक्षाओं में निर्धारित 7784 परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण वेबकॉस्टिंग के जरिए किया गया। नकल विहीन परीक्षा और पारदर्शिता बरतने में सरकार सफल रही है। 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू हुआ लेकिन कोविड-19 महामारी संक्रमण के कारण मूल्यांकन स्थगित करना पड़ा। लॉकडाउन खुलने पर ग्रीन जोन के 20 जिलों में 5 मई, ऑरेंज जोन में 12 मई और रेड जोन के 19 जिलों में 19 मई से मूल्यांकन शुरू हुआ।
डा. शर्मा ने बताया कि 3,09,61,577 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। कुल 281 मूल्यांकन केन्द्र थे और मूल्यांकन केन्द्रों पर कोविड-19 से बचाव समेत सभी उपायों को अपनाते हुए विषयवार परीक्षकों को आमंत्रित कर मूल्यांकन कराया गया।
ऐसे सभी छात्र-छात्राएं अपने जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क कर मुख्यालय स्तर पर निर्धारित केंद्र पर उपस्थित होकर परीक्षा में सम्मिलित हों। कई विद्यार्थियों की परीक्षा छूट गई थी तो कई अन्य हाईकोर्ट के आदेश पर लिखित परीक्षा में शामिल होने के कारण प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सके थे।
महीने के अंत में परिणाम देने की तैयारी में जुटा बोर्ड
यूपी बोर्ड जून के अंत में 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम देने की तैयारियों में जुट गया है। 9 व 10 जून को इसीलिए प्रैक्टिकल कराया जा रहा है ताकि इनके नंबर भी जोड़ते हुए अंतिम परिणाम घोषित किया जा सके।
यूपी बोर्ड का रिजल्ट जून के अंतिम हफ्ते में आएगा। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन मंगलवार को खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष परीक्षाएं रिकार्ड समय में हाईस्कूल की 12 व इंटरमीडिएट की 15 दिनों में खत्म हो गई लेकिन कोविड महामारी के कारण मूल्यांकन देर से शुरू हुआ। विपरीत परिस्थितियों में भी कम समय में हमने मूल्यांकन खत्म किया। 56,11,072 विद्यार्थियों ने इस बार बोर्ड परीक्षा दी थी।
उन्होंने कहा कि 2020 की परीक्षाओं में निर्धारित 7784 परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण वेबकॉस्टिंग के जरिए किया गया। नकल विहीन परीक्षा और पारदर्शिता बरतने में सरकार सफल रही है। 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू हुआ लेकिन कोविड-19 महामारी संक्रमण के कारण मूल्यांकन स्थगित करना पड़ा। लॉकडाउन खुलने पर ग्रीन जोन के 20 जिलों में 5 मई, ऑरेंज जोन में 12 मई और रेड जोन के 19 जिलों में 19 मई से मूल्यांकन शुरू हुआ।
डा. शर्मा ने बताया कि 3,09,61,577 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। कुल 281 मूल्यांकन केन्द्र थे और मूल्यांकन केन्द्रों पर कोविड-19 से बचाव समेत सभी उपायों को अपनाते हुए विषयवार परीक्षकों को आमंत्रित कर मूल्यांकन कराया गया।