प्रयागराज : बुधवार से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय खुल गए। शिक्षक और कर्मचारी विद्यालय जाने लगे मगर बच्चे अभी स्कूल नहीं आएंगे। ऐसे में शिक्षकों और व कर्मचारियों को आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्न्ति करने, दिव्यांग बच्चों का विवरण जुटाने समेत अन्य जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शिक्षक कैचमेंट एरिया में जाकर छह से 14 आयु वर्ग के आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्न्ति कर उनका विद्यालयों में पंजीकरण कराएंगे। समर्थ कार्यक्रम के तहत गांवों, बस्तियों और मजरों में दिव्यांग बच्चों का विवरण इकट्ठा कर उनका मोबाइल एप्लीकेशन पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे। मिशन प्रेरणा के तहत संचालित ई-पाठशाला के लिए शिक्षक प्रतिदिन कम से कम 10 अभिभावकों से मिलकर दीक्षा एप उनके मोबाइल में डाउनलोड कराएंगे। प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने कितने अभिभावकों को दीक्षा एप डाउनलोड कराया, इसका ब्योरा विभाग को नियमित देना होगा। मानव संपदा पोर्टल पर बचे शिक्षकों व कर्मियों का सेवा विवरण भी ऑनलाइन फीड कराने का काम करना होगा। शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण के भी कार्यक्रम होंगे।
शिक्षक कैचमेंट एरिया में जाकर छह से 14 आयु वर्ग के आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्न्ति कर उनका विद्यालयों में पंजीकरण कराएंगे। समर्थ कार्यक्रम के तहत गांवों, बस्तियों और मजरों में दिव्यांग बच्चों का विवरण इकट्ठा कर उनका मोबाइल एप्लीकेशन पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे। मिशन प्रेरणा के तहत संचालित ई-पाठशाला के लिए शिक्षक प्रतिदिन कम से कम 10 अभिभावकों से मिलकर दीक्षा एप उनके मोबाइल में डाउनलोड कराएंगे। प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने कितने अभिभावकों को दीक्षा एप डाउनलोड कराया, इसका ब्योरा विभाग को नियमित देना होगा। मानव संपदा पोर्टल पर बचे शिक्षकों व कर्मियों का सेवा विवरण भी ऑनलाइन फीड कराने का काम करना होगा। शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण के भी कार्यक्रम होंगे।