फर्जी या संदिग्ध शिक्षकों की पहचान को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। वे प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए सीधे एसआईटी को ही सूची भेज दे रहे हैं जबकि एसआईटी केवल 2004-05 में डॉ. बीआर अम्बेडकर विवि से फर्जी बीएड डिग्री प्रामले की ही जांच कर रही है। एसआईटी के पुलिस
उपमहानिरीक्षक जे रविन्दर गौड़ ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर कहा है कि ऐसा करने से एसआईटी की जाँच में अनावश्यक व्यवधान पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा है कि कई बीएसए मानव संपदा पोर्टल से अध्यापकों या कर्मचारियों की यू, नाम एसआईटी को भेज रहे हैं और उनका सत्यापन करतेहुए सूचनाकी मांग कर रहे है।इस सूची में वे अध्यापक भी हैं जिन्होंने बीआर अम्बेडकर विवि से बीएड नहीं किया है और न ही यहां के प्रमाणपत्र लगाए हैं। ऐसे में एसआईटी को सूची भेजे जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि बीएसए ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन विवि से करवाएं। एसआईटी को सूची भेजने से अनावश्यक देरी होगी।BSA वेबसाइट से करें सत्यापन
यूपी बोर्ड से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट पास शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी वेबसाइट से किया जाए | माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत सभी बीएसए को पत्र लिखकर कहा है कि 2003 से 2020 तक के व प्रमाणपत्रों का सत्यापन वेबसाइट से किया जा सकता है | इससे पहले के प्रमाणपत्रों का सत्यापन की से ही भेजी जाए। 2003 के बाद के अभिलेखों का सत्यापन सीधे वेबसाइट से ही किया जाए।