प्रयागराज। कोरोना संक्रमण के समय में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक- शिक्षिकाओं ने पहल की है। प्रयागराज के सोरांव क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने घर बैठे बच्चों
को गांव-गांव मजरे (मोहल्ले ) जाकर पढ़ाने का बीड़ा उठाया है। मार्च से लगातार घर बैठे बच्चों में लिखने और पढ़ने की आदत खत्म होने के कारण घर-घर पहुंचे शिक्षक बच्चों को रीडिंग, राइटिंग का अभ्यास करवा रहे हैं। मिशन शिक्षा बच्चों के द्वार के तहत कर रहे शिक्षण: प्राथमिक विद्यालय बिशुनदास का पूरा एवं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक- शिक्षिकाओं ने मजरे के आधार पर बच्चों को पढ़ाने की पहल की है।प्राथमिक विद्यालय बिशनुदास का पूरा की प्रधानाध्यापिका सरिता दुबे के नेतृत्व में विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के मोहल्ले ( मजरे ) में जाकर पढ़ा रहे हैं। मिशन शिक्षा बच्चो के द्वार के तहत मजरे बार शिक्षण शुरू किया गया है। प्रधानाध्यापिका सरिता दुबे ने बताया कि बच्चों के पास मोबाइल की समस्या के कारण ई-पाठशाला से लक्ष्य प्राप्त नही हो पा रहा था। बच्चों को दीक्षा एप के जरिए पढ़ने, लिखने का अभ्यास कराया जा रहा है। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि उनके शिक्षकों नीलम यादव, ऋतु, आशीष सिंह, स्वाति सिंह, आकांक्षा पांडेय की ओर से बच्चों के मोहल्ले जाकर शिक्षण कार्य कर रही हैं।
प्रदेश में पहली बार प्राथमिक विद्यालय जैतवारडीह सोरांव की शिक्षिका श्वेता श्रीवास्तव और अर्चना गुप्ता ने जुलाई महीने में ही गांव में मजरेबार शिक्षण करना शुरू किया। विद्यालय खुलते ही सुरक्षा से अभिभावकों को सहमति लेकर मजरों में 10-12 बच्चों को दूर-दूर बैठाकर पढ़ाना शुरू किया। दोनों शिक्षिकाओं ने वर्कशीट बनाकर बच्चों को गृहकार्य देकर उन्हें पढ़ाने का काम कर रही हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने उनकी पहल की सराहना की।