चार साल के बाद भी यह शिक्षक भर्ती रह गई अधूरी

 प्रयागराज : प्रदेश सरकार का जोर भर्तियों को समय से पूरा कराने पर है। अधिकारियों को लंबित भíतयां तेजी से पूरा करने की कड़ी हिदायत भी है। लेकिन, उसका असर नहीं दिख रहा। यही कारण है कि कुछ भर्तियां ऐसी हैं जिनका निस्तारण चार साल बाद भी नहीं हुआ। इसके चलते उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की

विज्ञापन संख्या 47, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी 2016 में भर्ती का विज्ञापन निकाला था। लेकिन, 2020 बीतने को है भर्ती अभी तक पूरी नहीं हुई है। इससे प्रतियोगी छात्रों का भविष्य अधर में फंसा है।



उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या-47 के तहत 1150 असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती निकली थी। इसके तहत 34 विषयों के चयनितों को नियुक्ति मिल चुकी है। लेकिन, शिक्षाशास्त्र विषय के 100 पद के चयनितों की काउंसिलिंग अभी तक नहीं हुई। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 के तहत निकली 15 विषयों में 10,768 पद की भर्ती अभी पूरी नहीं हो सकी है। दिसंबर-2019 तक 13 विषयों के तहत 7481 पद का परिणाम जारी किया गया। इसमें 4,243 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। सशर्त चयनितों की संख्या 926 है। इनकी फाइल आयोग निस्तारित नहीं कर पाया है। आयु सीमा अधिक होने के कारण 40, अनुसूचित जनजाति के प्रमाणपत्र का सत्यापन न होने के कारण 50 के करीब फाइलें रुकी हैं। इसके अलावा कला विषय में डिग्री विवाद का निस्तारण नहीं हुआ। एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान का कहना है कि हर भर्ती संस्थान शासन की मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं। लोकसेवा आयोग, चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्य व अधिकारी सालों तक भर्ती लटका कर प्रतियोगी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

चयन बोर्ड में लंबित रिजल्ट
चयन बोर्ड ने विभिन्न पदों के लिए 2016 में विज्ञापन निकाला था। इसमें प्रवक्ता ्क्षहदी में 194, प्रवक्ता अंग्रेजी में 132, प्रवक्ता कला में 33, प्रवक्ता संस्कृत में 141, प्रवक्ता नागरिक शास्त्र महिला वर्ग में 13 पद का रिजल्ट रुका है। इसी प्रकार टीजीटी अंग्रेजी में 1041, विज्ञान में 1115, कला में 424, संस्कृत में 587, ्क्षहदी में 1243 पद का रिजल्ट जारी नहीं हुआ है।