शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आजीवन मान्य किए जाने के सवाल पर उन्होंने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से इस बारे में जानकारी लेने के बाद बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) की ओर से जो प्रस्ताव पास किया गया था, उसे राज्यों को अभी तक नहीं भेजा गया है। ऐसे में अब तय हो गया है कि यूपीटीईटी 2020 को
आजीवन मान्य नहीं किया जा सकेगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से यूपीटीईटी 2020 को सात मार्च 2021 को कराने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है। ऐसे में अब तय है कि आवेदन की घोषणा से पहले इस मुद्दे पर फैसला लेना मुश्किल होगा। टीईटी के आजीवन मान्य किए जाने की बात पर विजय किरन आनंद ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो शिक्षक पात्रता परीक्षा में भीड़ कम होगी। महानिदेशक ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का निरीक्षण करने के बाद कार्यालय में संसाधन बढाए जाने एवं कम अभ्यर्थियों वाली परीक्षा को खत्म करने का सुझाव दिया।
On the question of validating the Teacher Eligibility Test (TET) for life, he said after taking information from the Secretary Examination Regulatory Authority that the resolution passed by the National Council for Teacher Education (NCTE) has been passed to the states so far Has not been sent In such a situation, it has now been decided that UPTET 2020 will not be valid for life. A proposal to make UPTET 2020 on 7 March 2021 has been sent to the government by the Secretary Examination Regulatory Authority. In such a situation, it is now decided that it will be difficult to take a decision on this issue before the application is announced. Talking about the lifetime recognition of TET, Vijay Kiran Anand said that if this happens, there will be less crowd in the teacher eligibility test. The Director General, after inspecting the office of the Examination Regulatory Authority, suggested to increase the resources in the office and eliminate the examination with fewer candidates.