प्रयागराज : नए साल पर बेसिक शिक्षा परिषद ने अंतर जिला तबादले की सौगात दी। बड़ी संख्या में शिक्षक तबादला न होने से नाराज हैं लेकिन, जिन 21,695 का तबादला हो गया अब वे भी परिषद की कार्यशैली से खासे खफा हैं। वजह, सात दिन बाद भी रिलीव होने का आदेश जारी नहीं हुआ है। सभी जहां का तहां फंसे हैं। वे मनचाहे जिले में जल्द तैनाती चाहते हैं लेकिन, विभाग बाधा बना है।
ऐसा भी नहीं है परिषद ने पहली बार अंतर जिला तबादले किए हैं। इसके पहले स्थानांतरण सूची आने के साथ 10 दिन में स्थानांतरित जिले में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश भी होता रहा है लेकिन, इस बार अफसर चुप्पी साधे हैं। परिषद कार्यालय की तरफ से न तो जिलों को स्थानांतरित शिक्षकों की सूची भेजी गई है न ही रिलीविंग के दिशा निर्देश आए हैं, सभी शिक्षक परेशान हैं और मुख्यालय के अफसर भी वाजिब जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ज्ञात हो कि परिषदीय शिक्षकों के अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया दो दिसंबर 2019 से चल रही है। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल के मोबाइल नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन, वे फोन ही नहीं उठा रहे हैं।
पारस्परिक की सूची का अता-पता नहीं : सामान्य स्थानांतरण के साथ ही विभाग ने लगभग 9641 शिक्षकों से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए भी आवेदन लिया हैं, किंतु अभी तक इन शिक्षकों को भी मायूसी हाथ लगी है। शिक्षक पारस्परिक स्थानांतरण की सूची जारी करने की लगातार मांग कर रहे हैं। अभ्यíथयों का कहना है कि जब दोनों प्रक्रिया साथ साथ चली तो सूची का प्रकाशन भी साथ ही होना चाहिए था।
हाईकोर्ट में याचिका की भी अटकलें
परिषदीय शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल करने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि कुछ शिक्षकों ने याचिका में कहा है कि शासनादेश में पुरुषों की तीन साल व महिलाओं की एक साल सेवा अवधि का उल्लेख था लेकिन, ऐन मौके पर उसे बदलकर पांच साल व दो साल किया गया। यह शासनादेश की अवहेलना है। परिषद यह नियम नए तबादलों में भी लागू कर सकता था, लेकिन जानबूझकर पहले से चल रही प्रक्रिया को बाधित किया गया। हालांकि परिषद ने याचिका की नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की है।
Prayagraj: On the new year, the Basic Education Council handed over the transfer of the inter district. A large number of teachers are angry over not being transferred, but the 21,695 who have been transferred are also upset with the functioning of the council. Because, even after seven days, the order for release has not been issued. Everyone is stranded there. They want to deploy in Manchahe district soon but the department has been a hindrance.