नई शिक्षा नीति के लिए तैयार हो रहे शिक्षक, इन बातों पर जोर

 29 जुलाई 2020 को घोषित नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने के लिए शिक्षक तैयार होने लगे हैं। प्री प्राइमरी कक्षाओं (नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी) के बच्चों को लिखने, पढ़ने और रटने से मुक्त करना शिक्षकों का लक्ष्य है। प्रयागराज में 2933 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पहले चरण में प्रशिक्षित किया जा चुका है।



अब दूसरे चरण में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए जिले में 221 मास्टर ट्रेनरों की ट्रेनिंग पूरी हुई है। दूसरे जिलों में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद प्रत्येक प्राथमिक स्कूल के एक-एक भाषा शिक्षक को ट्रेनिंग दी जाएगी। प्री प्राइमरी के लिए कक्षा 1-2 में पढ़ाने वाले ऐसे शिक्षकों को चुना गया है जो इस स्तर के बच्चों को पढ़ाने में रुचि लेते हों। स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) के सदस्य सुनील तिवारी ने बताया कि स्कूल पुस्तकालय और लर्निंग कार्नर क्रियाशील रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जो बच्चा प्री स्कूल से आता है, उसके सीखने का स्तर अच्छा होता है।


किन बातों पर जोर

● अक्षर सिखाने से पहले हाथ और आंख के बीच समन्वय सिखाया जाए

● अक्षर सिखाने से पहले आकार की अवधारणा से परिचित कराया जाए

● भाव गीत और कविता से बच्चों में शब्दावली का विकास होता है और उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है

● 3 से 4 साल के बच्चे में मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है इसलिए उसकी शब्दावली का विकास भी ज्यादा होता है